नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को लेकर पुलिस ने किया नया खुलासा
बस्ती। बस्ती जिले में महिला अफसर से दुष्कर्म के प्रयास और मारपीट के मामले से चर्चा में आए निलंबित नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने रविवार को घटना के समय तीसरे शख्स की मौजूदगी की बात को सिरे से खारिज कर दी है। पुलिस की तरफ से अब तक की तफ्तीश का हवाला देते हुए कहा गया है कि आरोपी घनश्याम ने विशाखा कमेटी को भ्रमित करने के लिए झूठ बोला था। पीड़िता के घर के अंदर से किसी तीसरे शख्स की आवाज आने की बात बिल्कुल गलत है। पुलिस को आरोपी घनश्याम पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि करने वाले तमाम साक्ष्य मिले हैं। यानी, महिला अधिकारी के लगाए गए दुष्कर्म के प्रयास और गला दबाकर हत्या की कोशिश आदि आरोप पुलिस की जांच में सही साबित हो रहे हैं। सर्विलांस और अन्य पहलुओं की तफ्तीश में पता चला है कि उस तीसरे शख्स ने हमदर्द की भूमिका निभाई है।
उधर, शासन को विशाखा कमेटी की जांच के आधार पर भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि 11/12 नवंबर की रात महिला अधिकारी के व्हाट्सएप से फोन करके धमकी दी गई। इसके बाद निलंबित नायब तहसीलदार कुशलक्षेम जानने उसके घर के अंदर गए थे। अंदर महिला अधिकारी की उस शख्स से कहासुनी हो रही थी। मैम-मैम की आवाज लगाने पर घर में मौजूद तीसरा शख्स सामने से दरवाजा खोलकर भाग गया था। पुलिस की जांच में यह बातें मनगढ़ंत पाई गईं हैं। एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी के हवाले से जारी विज्ञप्ति में दो टूक कहा गया है कि अब तक की विवेचना में घटना के समय घनश्याम एवं पीड़िता के अलावा किसी अन्य शख्स का होना नहीं पाया गया है। आरोपी ने जांच कमेटी को अपने बयान में सच से भ्रमित करने के लिए तीसरे शख्स की बात गढ़ी गई थी।