फर्जी अनुमोदन के आधार पर नौकरी का मामला
आजमगढ़। जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में तैनात अध्यापकों के फर्जी अनुमोदन मामले में निदेशालय की ओर से सभी अध्यापकों पर मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही निदेशालय की ओर से समाज कल्याण अधिकारी विकास शशांक सिंह से उनकी जिम्मेदारी छीन ली गई है।
समाज कल्याण विभाग में अध्यापकों की नियुक्ति मामले में गलत तरीके से अनुमोदन मामले की बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जांच की थी। जांच में उन्होंने 17 अध्यापकों के अनुमोदन को फर्जी पाया था। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास शशांक सिंह ने एक अध्यापक यशवंत राय के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद शेष शिक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटकी रही थी।
निदेशालय ने इसका संज्ञान में लिया और शेष 16 अध्यापकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश जारी किया। साथ ही निदेशालय ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी शशांक सिंह जो जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास का कार्य देख रहे थे, उनकी जगह जिला समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल को कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंप दी।
हरिजन प्राइमरी पाठशाला कटवा भकुही के राजेश कुमार, अरविंद सिंह और राजेश यादव, आंबेडकर ग्रामीण हरिजन प्राइमरी पाठशाला करउत के अजय सिंह, मनोज और रामजी सिंह, प्रबुद्ध आंबेडकर अनुसूचित प्राइमरी पाठशाला बनकट लेदौरा के गणेश शंकर यादव, सुनीता राज, इंद्रबहादुर राव, विजय प्रताप सिंह और विवेक उपाध्याय, अनुसूचित जाति प्राइमरी पाठशाला मुड़ियार फूलपुर के अरूण कुमार उपाध्याय, विजेंद्र और योगेंद्र प्रताप सिंह, अनुसूचित जाति प्राइमरी पाठशाला आजमगबांध जहानागंज के विनोद कुमार और राजेश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
जिला समाज कल्याण अधिकारी मोतीलाल ने बताया कि अभी इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है। मैं अभी हाईकोर्ट आया हूं। रही बात शशांक सिंह को पदभार से हटाए जाने की तो निदेशालय ने कहा है कि यह पद अपने ही विभाग में होना चाहिए। इसलिए इस पद के लिए मुझे फाइल भेजने का निर्देश हुआ था, जिसे मैंने भेज दिया है।