सेंट जेवियर्स हाई स्कूल में किया गया भव्य स्वागत
आजमगढ़। शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर कई वर्षों से अग्रणी स्थान बनाये रखने वाले शिक्षण संस्थान सेंट जेवियर्स हाई स्कूल एलवल आजमगढ़ ने एक बार फिर अपना परचम लहराया है। जनपद का यह ख्यातिलब्ध शिक्षण-संस्थान सेण्ट जेवियर्स हाई स्कूल सदैव छात्रहित को ध्यान में रखकर शिक्षण-प्रक्रिया में उत्तरोत्तर सुधार हेतु सदैव प्रयत्नशील रहा है जिसके परिणाम स्वरूप यहाँ के छात्रों ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों जैसे नीट, जेइई, सिविल सेवा तथा सैन्य विभागों में उच्च पदों को प्राप्त करते हुए विद्यालय, जनपद एवं प्रदेश का नाम रोशन किया है।
इसी संदर्भ में यह ध्यातल्य है कि सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, एलवल आजमगढ़ के छात्र विघ्नेश श्रीवास्तव ने लेटिनेंट (जल सेना) के पद पर नियुक्ति लेकर यह सिद्व कर दिया कि जीवन में मार्गदर्शन का बड़ा महत्व है। वह मार्गदर्शन विघ्नेश श्रीवास्तव को प्राप्त हुआ विद्यालय के योग्य , अनुभवी शिक्षकों एवं माता-पिता की बड़ी सोच के द्वारा।
लेटिनेंट विघ्नेश श्रीवास्तव की आठवीं तक की शिक्षा सेंट जेवियर्स हाई स्कूल एलवल से हुई, तत्पश्चात् नौवीं से बारहवीं तक की शिक्षा सैनिक घोड़ा खाल से हुई, जिसमें दसवीं कक्षा में 10जी सी0जी0पी0ए0 तथा बारहवीं कक्षा में मैथ्य व बॉयो विषय से 95 प्रतिशत अंक हासिल किए। 2019 में यू0पी0एस0सी0 द्वारा आयोजित एन0डी0ए0 की प्रवेश परीक्षा एवं साक्षात्कार उत्तीर्ण कर कमीशण्ड ऑफिसर के प्रशिक्षण को पूरा किया तथा साथ ही जे0 एन0 यू0 से अप्लाइड इलेक्ट्रानिक एण्ड कम्युनिकेशन में बी0 टेक की डिग्री भी हासिल किया। प्रशिक्षणों परांत नवम्बर 2023 में इन्होने विशाखापट्टनम् में लेटिनेंट (जल सेना) के पद को सुशोभित किया। विद्यालय के इस मेधावी बच्चे की सफलता के शिखर सोपान पर पहुँचने की सूचना से समूचे विद्यालय परिवार में हर्षोल्लास का माहौल बना हुआ है।
विशाखापट्नम में पदभार ग्रहण करने के उपरांत प्रथम बार विद्यालय आगमन पर सेंट जेवियर्स हाई स्कूल के प्रबन्धक निदेशक प्रशान्त चंद्रा, प्रधानाचार्य नीलेश श्रीवास्तव अध्यापक गण नें एवं छात्र-छात्राओं ने बड़ी गर्म जोशी से स्वागत किया। स्वागत समारोह में लेफ्टिनेंट विघ्नेश श्रीवास्तव ने अपने गुरुजन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए तथा अनुभवों को बाँटते हुए कहा कि ये छात्र जीवन बड़े ही असमंजस से भरा हुआ चुनौतीपूर्ण होता है। इसमें हमें अपने गुरुजनों की प्रेरणा एवं माता-पिता का आशीर्वाद सहायक होता है इसलिए हम सभी को शुरू से ही एक लक्ष्य को निर्धारित कर लेना चाहिए और उसी के प्रति आदरणीय गुरुजनों के सानिध्य में समर्पित हो जाना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य ने लेफ्टिनेंट विघ्नेश श्रीवास्तव के छात्रजीवन के बारे में बताते हुवे कहा कि ‘पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं’ इस उक्ति को इन्होनें चरित्रार्थ किया है क्योंकि ये शुरू से ही विनम्र, शिष्टाचारी, मेधावी व जुझारू किस्म के थे। इन गुणों को देखकर हम लोगों को पहले से ही विश्वास था किये बच्चा आगे चलकर विद्यालय, गुरु, एवं माता -पिता का नाम रोशन करेगा, वैसा ही आज आप लोगों के सामने है। अतः हम लोग यही चाहते हैं कि इस तरह आप सभी लोग ऊँचें ख्वाब देखिये और अपने गुरुजनों एवं माता-पिता के आशीर्वाद व स्नेह से उसे साकार कीजिये। इसके साथ ही उन्होंने विघ्नेश श्रीवास्तव सहित सभी को नैतिकता एवं शिष्टाचार का पाठ पढ़ाते हुए सबके म्ंालम भविष्य की कामना की।