साधना शर्मा हत्याकांड: बरामदगी के दौरान जो नोट चलन में भी नहीं थे

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पुलिस ने वो कोर्ट में कर दिए पेश
बदायूं। बदायूं जिले के चर्चित डीजीसी साधना शर्मा हत्याकांड के साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने का मामला उजागर हुआ है। पुलिस ने एक हत्यारोपी से बरामद 4600 रुपये के नोट ही बदल दिए। सात नवंबर को जब इस हत्याकांड के मुकदमे की पेशी पर थाना पुलिस ने न्यायालय में नोट जमा किए तो विवेचक भी हैरान रह गए। दरअसल ये ऐसे नोट थे, जो बरामदगी के समय चलन में ही नहीं थे। उन्होंने अभियुक्तों को लाभ पहुंचाने के लिए उझानी पुलिस पर नोट बदलने का आरोप लगाया है। इधर, उझानी पुलिस इसके लिए विवेचक को ही जिम्मेदार बता रही है। डीजीसी साधना शर्मा की 23 मई 2016 को न्यायालय से उझानी लौटते समय कार से कुचलकर हत्या कर दी गई थी। इसमें मुख्य आरोपी पीसी शर्मा, उसकी पत्नी कमलेश शर्मा, गिरीश मिश्रा, डीजीसी की सगी बहन श्रद्धा गुप्ता, मस्ताना, नरेंद्र उर्फ पिंटू, राजू उर्फ रियाज, यासीन बाबा, इशरत और मोहब्बत के नाम सामने आए थे।
हत्याकांड की विवेचना बरेली क्राइम ब्रांच ने की। विवेचक इंस्पेक्टर सिकंदर खां ने 11 मई 2017 को आरोपी नरेंद्र उर्फ पिंटू को गिरफ्तार किया था। उसके पास से 4600 रुपये बरामद हुए थे। इनमें दो हजार का एक, पांच-पांच सौ के तीन और सौ-सौ के 11 नोट शामिल थे। विवेचक सात नवंबर 2023 को अपने बयान दर्ज कराने कोर्ट आए थे। इस दौरान उझानी पुलिस ने हत्यारोपी से बरामद नोट न्यायालय में पेश किए। रकम 4600 रुपये की जरूर थी, लेकिन नोट बदल दिए गए थे। उनमें पांच-पांच सौ के पांच नोट, दो-दो सौ के पांच नोट और सौ-सौ के 11 नोट निकले। इस पर न्यायालय ने उझानी पुलिस से नोट बदलने के संबंध में रिपोर्ट तलब की। 17 नवंबर को उझानी इंस्पेक्टर मनोज सिंह न्यायालय में पेश हुए। उन्होंने बयान दिया कि विवेचक ने जो नोट बरामद किए थे, वही पेश किए गए हैं। नोट बदलने के लिए स्वयं विवेचक उत्तरदायी हैं। शुक्रवार को इस मुकदमे की सुनवाई हुई तो विवेचक न्यायालय में हाजिर हुए। उन्होंने कहा कि उझानी पुलिस ने वे नोट पेश किए हैं, जो बरामद होने के दौरान चलन में ही नहीं थे। दो सौ रुपये का नोट 25 अगस्त 2017 को चलन में आया है। उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट पेश करते हुए उझानी पुलिस की कहानी को फर्जी बताया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि यह नोट आरोपियों को लाभ पहुंचाने के लिए बदले गए हैं। इस संबंध में डीसीजी की बहन विपर्णा गौर ने एसएसपी से कार्रवाई की मांग की है।

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