मैं बदनसीब दादा, बस कुछ दिन और..
बांदा। बाहुबली मुख्तार अंसारी से सोमवार को यहां जेल में बहू निखत ने अपने दो साल के बेटे के साथ मुलाकात की। बहू व पौत्र को देखते ही मुख्तार ने दोनों को सीने से लगा लिया। बोला, कुछ दिन और सुकून व चैन से कट जाएंगे। मुख्तार से मुलाकात के लिए निखत अपने बेटे के साथ सोमवार को जेल पहुंची। कुछ ही देर में बांदा के ही एक वकील पहुंच गए। इसके बाद वह 11 बजे जेल के अंदर गईं। 2.15 पर वह बाहर आई। हालांकि निखत ने मीडिया से कुछ भी बात करने से इनकार कर दिया। धीमी आवाज में कहा, सच बोलना भी अपराध है।
जेल के अफसरों के अनुसार मुलाकात के दौरान मुख्तार ने बहू निखत व पौत्र अजहर को देखते ही सीने से लगा लिया। बहू ने मुख्तार से पूछा कि आप ठीक हो। चित्रकूट जेल में ज्यादा तकलीफ तो नहीं हुई। पौत्र के गाल का चुंबन लेते हुए बोला मैं बदनसीब दादा हूं, खुशियां देने की जगह तकलीफ ही दे रहा हूं। बहू से कहा कि खैर सब ठीक हो जाएगा। अल्लाह को यही पसंद था। चार घंटे की मुलाकात में ससुर-बहू ने खूब एक दूसरे के खैरियत जानी और स्वास्थ्य की जानकारी ली। मुलाकात के समय एलआईयू, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अफसर मौजूद रहे। सीसीटीवी से भी निगरानी की गई। कारागार अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कोर्ट के आदेश पर निखत की मुलाकात जेल मैनुअल के नियमों के अनुरूप कराई गई है।