शारदा नारायण सभागार में आयोजित हुआ बतरस, हुआ सारस्वत सम्मान
मऊः अपनी साहित्यिक-सामाजिक धरोहरों को बचाने के लिए साहित्यकार को आगे आना चाहिए। महाकवि श्यामनारायण पांडेय की ग्रंथावली का संपादन तमसा तट की धरोहर की संरक्षा है। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए राहुल सांकृत्यायन के कृतित्व को ग्रंथावली के रुप ममें संकलित किया जाएगा। साहित्यकार का धर्म संतुलित समाज का निर्माण करना होता है। प्रसिद्व समालोचक प्रो ओमप्रकाश सिंह ने यह उदगार रविवार को व्यक्त किया। शारदा नारायण हास्पिटल सभागार में आयोजित बतरस कार्यक्रम में वह बोल रहे थे।
अध्यक्ष पूर्व एडीएम अरुण कुमार सिंह, संस्थान निदेशक डॉ संजय सिंह, मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुजीत सिंह साहित्यकार दयाशंकर तिवारी ने प्रो ओमप्रकाश सिंह का मार्ल्यापण एवं अंगवस्त्र प्रदान कर सारस्वत सम्मान किया। डॉ संजय सिंह ने स्वागत करते हुए कहा कि मऊ जनपद का इतिहास साहित्य परंपरा की सम्वृद्वि और सम्मान से भरा हुआ है। प्रो ओमप्रकाश सिंह का सम्मान उस परंपरा का निर्वहन है। द्वितीय सत्र में आयोजित काव्यरस में वाणी वंदना आशा साहनी ने किया। जनधर्मी गीतकार राघवेंद्र प्रताप सिंह, लाल बहादुर सिंह, संपूर्णानंद दुबे, हरिलाल राजभर कृषक, सागर सिंह ने अपने काव्यपाठ से आयोजन का उंचाई प्रदान किया। अध्यक्षीय उदबोधन में पूर्व एडीएम अरुण कुमार सिंह ने जननायक चंद्रशेखर जी की स्मृतियों के साहित्यिक सरोकारों पर प्रकाश डाला। संचालन गीतकार पुरुषार्थ सिंह एवं आभार ज्ञापन लायंस क्लब अध्यक्ष डॉ सुजीत सिंह ने किया।