उमेश पाल मर्डर केस से भी हटेगा पर्दा
लखनऊ। प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या करने वाले चार शूटरों के एनकाउंटर और अस्पताल में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की न्यायिक जांच की रिपोर्ट गुरुवार को कैबिनेट में पेश की गयी। कैबिनेट ने दोनों न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने की मंजूरी प्रदान कर दी है। फिलहाल दोनों रिपोर्ट में दिए तथ्यों और संस्तुतियों को सार्वजनिक नहीं किया गया है। बता दें कि उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटर अरबाज और विजय चौधरी उर्फ उस्मान को प्रयागराज पुलिस ने 6 मार्च 2023 को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। जिसके बाद 13 अप्रैल को एसटीएफ ने झांसी के बड़ागांव क्षेत्र में अतीक के बेटे असद और शूटर मोहम्मद गुलाम को भी मुठभेड़ में मार गिराया था। तत्पश्चात 15 अप्रैल को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राजीव लोचन मेहरोत्रा की अध्यक्षता में दो सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। आयोग में पूर्व डीजी विजय कुमार गुप्ता को सदस्य बनाया गया था। आयोग ने बीते दिनों अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी, जिसे गुरुवार को कैबिनेट के सामने पेश किया गया। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की न्यायिक जांच रिपोर्ट भी कैबिनेट में पेश कर दी गयी है। उमेश पाल हत्याकांड में रिमांड पर लाए गये अतीक और अशरफ की प्रयागराज के अस्पताल परिसर में 15 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शासन ने इस मामले की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहब भोंसले की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाया था। आयोग में झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह और सेवानिवृत जिला जज बृजेश कुमार सोनी भी शामिल हैं। इस आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है, जिसे कैबिनेट में पेश करने के बाद विधानसभा के पटल पर रखने की मंजूरी प्रदान की गयी है।