बाहुबली धनंजय व हरिवंश सिंह समेत पांच हुए दोषमुक्त

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छः साल पूर्व हुए इस मामले में गवाह मुकरे
जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट शरद कुमार त्रिपाठी ने छह साल पहले उपद्रव के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व हरिवंश सिंह समेत पांच को दोषमुक्त कर दिया। खुटहन ब्लॉक पर छह नवंबर 2017 को दो पक्षों के नेताओं व उनके समर्थकों में हुए उपद्रव, फायरिंग, आगजनी को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें एक पक्ष से पूर्व मंत्री ललई यादव, पूर्व सांसद धनंजय सिंह के अलावा एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंसू व अन्य आरोपी व दूसरे पक्ष से अपना दल से प्रतापगढ़ के पूर्व सांसद हरिवंश सिंह व उनके विधायक पुत्र रमेश सिंह व अन्य आरोपी दोष मुक्त हो गए। दोनों पक्षों के सभी गवाह कोर्ट में पक्षद्रोही घोषित किए गए। वादी व प्राथमिकी में नामित गवाह घटना से मुकर गए, जिस पर कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। बता दें कि अपना दल के पूर्व सांसद हरिवंश सिंह ने कोर्ट के समक्ष बयान दिया था कि पूर्व मंत्री ललई, पूर्व सांसद धनंजय सिंह, बृजेश सिंह प्रिंसू व अन्य द्वारा अविश्वास प्रस्ताव के दौरान न तो उपद्रव हुआ था और न ही जानलेवा हमला किया गया था और न ही लूटपाट की घटना हुई थी। भीड़ में शामिल किसके द्वारा ईंट पत्थर चलाया गया दिखाई नहीं दिया। किसी अज्ञात ने एक टाइपशुदा प्रार्थना पत्र मुझे दिया। मैंने अपना हस्ताक्षर बनाकर थाने पर दे दिया। उधर दूसरे पक्ष से वादी राजीव यादव निवासी पिलकिछा ने भी थाने पर दर्ज कराई गई प्राथमिकी के कथनों से पूर्ण रूप से मुकर गए। कहा कि पूर्व सांसद हरिवंश सिंह, रमेश सिंह व पांच अन्य ने न तो किसी के ऊपर जानलेवा हमला किया न गाली व धमकी दी। अन्य गवाह भी घटना से मुकर गए। बता दें कि प्रतापगढ़ के पूर्व सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने पूर्व विधायक शैलेंद्र यादव ललई, धनंजय सिंह, बृजेश सिंह प्रिंसू समेत 35 के खिलाफ थाने पर एफआईआर दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में कहा गया था कि खुटहन ब्लाक प्रमुख सरजू देवी यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर प्रशासन द्वारा छह नवंबर 2017 को 11 बजे खुटहन ब्लॉक के अंदर परिसर में प्रस्ताव पर बातचीत होनी थी। वादी अपनी बहू नीलम के साथ वहां जा रहा था। खुटहन ब्लॉक के समीप जौकाबाद गांव में 11 बजे पहुंचा तभी सभी आरोपित करीब 400 से 500 लोगों के साथ वादी की गाड़ी के सामने आ गए। पूर्व मंत्री ललई यादव के ललकारने पर धनंजय सिंह, प्रिंसू सिंह व अन्य लोग आ गए और जान से मारने की नियत से फायरिंग करने लगे।

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