महिला के शव से आंखें निकालने के आरोपी दो डॉक्टर निलंबित

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पोस्टमार्टम स्टाफ पर भी गिर सकती है गाज
बदायूं। बदायूं में महिला के शव से आंखें निकालने के मामले में पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉ. मोहम्मद उबेश और डॉ. मोहम्मद आरिफ हुसैन को भी निलंबित कर दिया गया है। लापरवाही में तत्कालीन सीएमओ डॉ. प्रदीप वार्ष्णेय को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। निलंबित दोनों डॉक्टरों को बरेली के एडी हेल्थ कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है। 10 दिसंबर 2023 को थाना अलापुर के कुतरई गांव निवासी पूजा का पोस्टमार्टम हुआ था। मायके वालों ने शव का बैग खोला तो पूजा की दोनों आंखें गायब थीं। मामला संज्ञान में आने पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सीएमओ को निलंबित कर दिया था। अब उन्हीं के आदेश पर दोनों डॉक्टरों को निलंबित करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करने के आदेश दिए गए हैं।
मुजरिया थाना क्षेत्र के गांव रसूला निवासी पूजा पत्नी जोगेंद्र ने 10 दिसंबर 2023 को फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी। उस दिन शाम को पूजा का शव मोर्चरी में रखवा दिया गया। अगले दिन दोपहर में पोस्टमार्टम हुआ। मायके वालों का कहना था कि पोस्टमार्टम से पहले आंखें थीं लेकिन जब वह पोस्टमार्टम के बाद पूजा का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे तो आंखें नहीं थीं। इसके बाद परिवार वाले डीएम कार्यालय पहुंचे थे और पूरे मामले की शिकायत की थी। डीएम मनोज कुमार ने तुरंत मामले का संज्ञान लेते हुए महिला के शव का दोबारा पोस्टमार्टम करने का आदेश किया था और मजिस्ट्रेटी जांच के भी आदेश दिए थे। उसी रात दोबारा पैनल में पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें पहला पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की लापरवाही उजागर हुई थी। 12 दिसंबर को पूजा के भाई ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। 13 दिसंबर को सिविल लाइंस पुलिस ने डॉ. मोहम्मद उवैस और डॉ. मोहम्मद आरिफ हुसैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस दौरान डीएम ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का बोर्ड गठित करके भी जांच कराई। हालांकि बोर्ड की जांच रिपोर्ट में किसी जानवर द्वारा आंखें नोचने की बात लिखी गई लेकिन अब इस मामले में मजिस्ट्रेटी जांच चल रही है। एडीएम प्रशासन विजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में चल रही जांच में सीओ सिटी आलोक मिश्रा और नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. कुशलपाल सिंह भी शामिल हैं। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर और सभी कर्मचारियों के बयान दर्ज हो चुके हैं। पहला पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर अभी जमानत पर हैं। उन्हें निलंबित भी किया जा चुका है। एडीएम प्रशासन विजय कुमार सिंह ने बताया कि जांच चल रही है। सभी कर्मचारियों के बयान दर्ज हो चुके हैं। अभी कुछ काम शेष रह गया है, उस पर काम किया जा रहा है। जल्द ही जांच रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी।

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