आंखें खोलने वाली है पीड़िता की कहानी
गोरखपुर। एम्स में यौन उत्पीड़न की शिकार हुई छात्रा की कहानी ऐसे परिवारों के लिए आंखें खोलने वाली है। काउंसलिंग के बाद सदमे से उबर रही छात्रा ने अपने परिवार को चौंका देने वाली बातें बताई हैं। छात्रा की मां ने बताया कि गोरखपुर में पहले डेढ़ साल बहुत ठीक से बीते, लेकिन बाद में बेटी गुमसुम रहने लगी। अचानक जब बीमार हुई, तब मैं गोरखपुर पहुंची तो सच्चाई सामने आई।
अफसर पढ़ाई में मदद के बहाने उसके साथ मनमानी करना चाहता था। उसकी जिंदगी की नरक बना दी थी। डायरेक्टर सर ने मदद नहीं की होती तो वह बेटी की जिंदगी तबाह कर डालता। आरोपी पर सख्त कार्रवाई से अब बेटी का भरोसा फिर वापस लौटा है। मैं उसके साथ रहूंगी और कॅरिअर को दुबारा संवारने में मदद करूंगी..।
एम्स में यौन उत्पीड़न की शिकार छात्रा की मां प्रारंभिक उपचार के बाद बेटी को साथ घर लेकर गई है। फोन पर पीड़िता की मां पहले तो बात करने को तैयार नहीं थी, लेकिन बड़ा भरोसा दिलाने के बाद उन्होंने बेटी की पीड़ा बयां की। दरअसल इस मां की असल चिंता बेटी के कॅरिअर को लेकर है। एम्स का मेडिकल कॉलेज स्वतंत्र इकाई होती है, जहां एक बार दाखिला मिलने के बाद वहीं पढ़ाई पूरी करनी होती है।
बेटी की आगे की पढ़ाई में कोई बाधा न आए, इसीलिए अब वह साथ में ही रहना चाहती है। बेटी ने उसे बताया है कि आरोपी अफसर उसे पढ़ाई के लिए अच्छी किताबें और अन्य मदद का प्रलोभन देकर अपने झांसे में लेना चाहता था। लेकिन, जब छात्रा उसकी बात मानने को तैयार नहीं हुई, तब वह उसके साथ जोर जबरदस्ती पर उतर आया। वह उसे अक्सर फोन भी करता था। छात्रा इन सब बातों को लंबे समय से इग्नोर कर रही थी। वह अपनी स्थिति घरवालों को भी नहीं बता पा रही थी। इसके चलते वह गहरे अवसाद में चली गई थी।
नींद की दवा का ओवरडोज लेने की घटना के बाद एम्स में महिला काउंसलर ने जब छात्रा से बातचीत की तो धीरे-धीरे उसके मन में बैठा डर दूर हुआ और पहली बार उसने अपने साथ हुई घटना को सिलसिलेवार बताना शुरू किया और अपनी बात कहते-कहते वह फफक पड़ी थी।
काउंसलर ने उसे कार्रवाई का भरोसा दिलाया, तब जाकर वह शांत हुई। उसे डर था कि आरोपी उसकी जिंदगी तबाह कर देगा। उपचार के बाद हालत बेहतर होने पर वह घर गई है। जल्दी ही वापस लौटकर नियमित पढ़ाई शुरू करेगी। एम्स गोरखपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. जीपी पाल ने कहा कि छात्रा की मां से मेरी भी बात हुई है। आरोपी अफसर की सारी हरकतों की जानकारी विशाखा कमेटी की रिपोर्ट में भी दर्ज है। पीड़िता और उसकी मां का संस्थान पर भरोसा वापस लौटा है और अब वह यहीं रहकर पढ़ाई करना चाहती है। उन्हें 15 दिन का अवकाश दिया गया है। इसके बाद नियमित पढ़ाई करेगी। आरोपी के कृत्यों की पूरी जानकारी उसके मूल संस्थान को भी भेजी जाएगी। हमने परिसर में पढ़ने वाली सारी बेटियों को भरोसा दिलाया है कि इस मामले में आरोपी अफसर को अपने किए की सजा जरूर मिलेगी।