लखनऊ। कांग्रेस में लोकसभा चुनाव के दौरान पीढ़ी परिवर्तन का असर साफ दिखेगा। पार्टी ज्यादातर सीटों पर नए चेहरे उतारने की तैयारी में है। कई सीटों पर प्रत्याशियों ने खुलेतौर पर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। हालांकि पार्टी की ओर से अभी हर लोकसभा सीट पर दो से तीन उम्मीदवारों की सूची तैयार की जा रही है।
इस सूची के आधार पर गठबंधन में दावेदारी की जाएगी। कांग्रेस की ओर से सभी 80 लोकसभा सीटों पर तैयारी चल रही है। कांग्रेस ने पीढ़ीगत बदलाव करते हुए इस बार परंपरागत तरीके से चुनाव लड़ने वालों से इतर नए और युवा चेहरों पर दांव लगाने का मन बनाया है।
फर्रुखाबाद सीट पर अभी तक पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन इस बार पूर्व विधायक सुरेश यादव के पुत्र और पार्टी के प्रदेश महासचिव कौशलेंद्र यादव ने ताल ठोंक दी है। उन्होंने पूरे लोकसभा क्षेत्र में होर्डिंग्स, पोस्टर लगाकर खुले तौर पर एलान कर दिया है।
इसी तरह बाराबंकी में तनुज पुनिया, लखनऊ में डा. अभिषेक यादव, कानपुर में अजय कपूर, सीतापुर में राकेश राठौर, खीरी में पूर्वी वर्मा आदि भी चुनाव प्रचार में उतर गए हैं। पार्टी के अंदरखाने भी नई पीढ़ी के नेताओं को आगे बढ़ाने की रणनीति है।
इन नेताओं के जरिए पार्टी नए सिर से सियासी समीकरण साधना चाहती है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब नहीं देते हैं। उनका कहना है कि पार्टी पुराने नेताओं के आशीर्वाद और नए नेताओं की ऊर्जा का सदुपयोग करते हुए लोकसभा चुनाव लड़ेगी। इतना जरूर है कि नए चेहरों को मौका दिया जाएगा, ताकि नई लीडरशिप तैयार हो सके।
कांग्रेस की ओर से सभी 80 सीटों पर उम्मीदवारों का पैनल तैयार किया जा रहा है, लेकिन दूसरी तरफ गठबंधन के लिहाज से सभी दरवाजे खुले हुए हैं। इतना जरूर है कि गठबंधन में किसे कितनी सीटें मिलेंगी, अभी इसकी तस्वीर साफ नहीं है। फिर भी पार्टी की ओर से हर सीट पर दो से तीन उम्मीदवारों के नाम तय किए जा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की प्राथमिकता सपा के बजाय बसपा है। हालांकि अगले सप्ताह होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक में सपा और कांग्रेस दोनों लोकसभा सीट वार अपने- अपने उम्मीदवारों के नाम रखेंगे। दोनों के दावे को सुनने के बाद कमेटी तय करेगी किसे, कितनी सीटें मिलेंगी।