प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन बजेगी शहनाई..

Youth India Times
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अस्पतालों में गूंजेंगी किलकारियां, बुकिंग फुल
वाराणसी। माता पुनि बोली सो मति डोली तजहु तात यह रुपा। कीजै सिसुलीला अतिप्रियसीना। यह सुख परम अनूपा। रामचरितमानस के बालकांड में गोस्वामी तुलसीदास ने इस छंद के माध्यम से माता कौशल्या के वात्सलय का वर्णन किया है। भगवान के चतुर्भुज रुप के बजाय उनके सिसुरुप को मांगा है। अब जब प्रभु श्रीराम अयोध्या में विराजमान हो रहे हैं तो काशी में रहने वाली माताएं, प्राण प्रतिष्ठा वाले मुर्हूत में भगवान के बाल स्वरुप में अपने आंचल में चाहती है। राममंदिर में प्राणप्रतिष्ठा वाले दिन(22 जनवरी) को खास बनाने के लिए ही कई गर्भवती महिलाओं, परिजनों ने उसी दिन अपना ऑपरेशन करने की इच्छा डॉक्टरों से जाहिर की है। उधर इस पावन दिवस पर अपने दांपत्य जीवन को यादगार बनाने के लिए बहुत से परिवारों ने बेटे-बेटियों की शादी का मुहुर्त भी निकलवाया है। इसके लिए शहर के 90 प्रतिशत मैरेज लॉन बुक हो गए है।
अयोध्या में राम मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा वाले दिन को हर कोई खास बनाने में लगा है। मकर संक्रांति के बाद से वैवाहिक अनुष्ठान भी शुरू हो जाते हैं। ऐसे में बहुत से लोगों ने 22 जनवरी को शादी की तिथि भी तय की है। इसको लेकर घरों में उत्सव जैसा माहौल बना है। उधर गर्भवती महिलाओं की बात करें तो जिन लोगों को स्त्री रोग विशेषज्ञ ने डिलीवरी के लिए 20 से 25 जनवरी के बीच का समय सुझाया है, उनमें अधिकांश ने अपनी डिलीवरी 22 को कराने का प्रस्ताव डॉक्टर के समक्ष रखा है। उनका कहना है कि वह अपनी डिलीवरी को खास बनाना चाहती हैं। अब डॉक्टर भी इसी दिन सिजेरियन प्रसव करने की तैयारी कर रही हैं।

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