पुलिस ने ताहर सिंह और ओपी मिश्रा को पकड़ा, देवेंद्र तिवारी फरार
lucknow. राममंदिर को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। यह धमकी जुबैर के नाम से बने ई-मेल आईडी से दी गई थी। पुलिस ने ताहर सिंह और ओपी मिश्रा नामक दो युवकों को पकड़ा है। तीसरे आरोपी की पहचान देवेंद्र सिंह के रूप में की गई है। उसकी तलाश हो रही है। देवेंद्र सिंह के मेल पर ही धमकी आई थी। उसी ने एफआईआर भी दर्ज कराई थी। उसी ने ट्वीट कर पुलिस को सूचना भी दी थी। मेल में राममंदिर के साथ ही सीएम योगी और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश को भी बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। पुलिस ने दोनों के पास से 2 मोबाइल फोन, वाईफाई राउटर और एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर बरामद किया है। आरोपियों के खिलाफ धारा 506, 507, 153A, 420, 468, 471, 201, 120B IPC और 66D-IT एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। मेडिकल कॉलेज संचालक और भारतीय किसान मंच व भारतीय गौ सेवा परिषद के नाम से एनजीओ चलाने वाले देवेन्द्र तिवारी ने एक्स पर यूपी पुलिस को टैग कर धमकी की बात लिखी थी। इसमें लिखा था कि जुबेर के नाम से आईएसआई का सदस्य बताते हुए उसे ई-मेल भेजा गया है। मेल में लिखा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने जीना हराम कर रखा है। देवेन्द्र को भी लिखा था कि बहुत गो-सेवक बने हो, सभी को बम से उड़ा दिया जाएगा। अयोध्या में श्रीराम मंदिर भी बम से उड़ा दिया जायेगा। मामले में पुलिस के साथ ही एसटीएफ ने भी जांच शुरू की। पाया कि आईएम अंसारी खान और जुबैर खान के नाम से मेल भेजे गए। एसटीएफ ने दोनों ई-मेल आईडी lamansarihan608@gmail.com और zubairkhanisi199@gmail की पड़ताल की तो पता चला कि इन आईडी को ताहर सिंह और ओमप्रकाश मिश्रा ने बनाया है। दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ हुई तो अजब ही मामला पता चला। दोनों ने बताया कि देवेंद्र तिवारी के कहने पर ही मेल भेजा था। देवेन्द्र तिवारी का आलमबाग में इंडियन इंस्टिट्यूट पैरा मेडिकल साइंसेज के नाम से कॉलेज है। वह भारतीय किसान मंच और भारतीय गौ सेवा परिषद के नाम से एनजीओ बनाया हुआ है। उन्होंने कॉलेज में ही अपना कार्यालय बनाया हुआ है। इसमें ताहर सिंह सोशल मीडिया हैंडलर के रूप में काम करता था और ओम प्रकाश मिश्रा निजी सचिव के रूप में काम कर रहा था। ओम प्रकाश उसी कॉलेज से ऑप्टोमेट्री में 2 साल का डिप्लोमा भी कर रहा था देवेंद्र तिवारी के कहने पर ताहर सिंह ने धमकी भरा मेल करने के लिए एक फर्जी ई-मेल आईडी बनाई और ई-मेल आईडी और पासवर्ड व्हाट्सएप के जरिए ओम प्रकाश मिश्रा को भेजा। दो मोबाइल फोन खरीदे गए थे। इनका इस्तेमाल धमकी भरे ई-मेल भेजने के लिए किया जाता था। 19 नवंबर और 27 दिसंबर को मेल भेजे गए। इसे देवेंद्र तिवारी ने एक्स पर अपने अकाउंट से पोस्ट किया था। मेल भेजने के बाद देवेंद्र तिवारी ने मोबाइल फोन को जलाकर नष्ट कर दिया। मेल को कार्यालय में स्थापित वाईफाई राउटर से इंटरनेट का उपयोग करके भेजा गया। आरोपियों ने यह भी कहा कि देवेंद्र तिवारी ने उनसे कहा था कि इससे वह सोशल मीडिया पर फेमस हो जाएंगे। उन्हें बड़ा राजनीतिक लाभ भी मिल सकता है।