धनराशि की वसूली की संस्तुति के साथ एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेजी
आजमगढ़। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शीला श्रीवास्तव के दूसरे कार्यकाल में वित्तीय अनियमितता के कई मामले सामने आए। एसडीएम की जांच रिपोर्ट में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष के कार्यकाल में 44 लाख 51 हजार रुपये के गबन करने की पुष्टि हुई है। गबन की धनराशि की वसूली की संस्तुति के साथ एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेजी है। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शीला श्रीवास्तव के खिलाफ शासन में शिकायत हुई थी। आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान वर्ष 2020-21 में बगैर टेंडर के ही एक लाख रुपये से अधिक के काम करा दिए। उनके ऊपर नगर पालिका सीमा के बाहर भी काम कराने व मनमाने तरीके से स्ट्रीट लाइटों की खरीदारी जैसे आरोप लगे। शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शासन ने जांच कराने का आदेश दिया था। शासन के निर्देश पर तत्कालीन एसडीएम सदर वागीश शुक्ल को जांच दी गई थी। तीन साल तक चली जांच में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा 70 से 80 लाख रुपये के दुरुपयोग की बात सामने आई थी। तत्कालीन एसडीएम के स्थानांतरण के बाद जांच एसडीएम सदर ज्ञानचंद गुप्त व अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग को दी गई। दोनों अधिकारियों की संयुक्त जांच में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शीला श्रीवास्तव द्वारा 44 लाख 51 हजार रुपये के शासकीय धनराशि के गबन की पुष्टि हुई है। ज्ञानचंद गुप्त, एसडीएम सदर ने बताया कि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शीला श्रीवास्तव द्वारा शासकीय धन के दुरुपयोग की जांच की गई। 44.51 लाख रुपये के गबन की पुष्टि हुई है। जांच रिपोर्ट नगर निकाय के नोडल अधिकारी को सौंप दी गई है। गबन की धनराशि की वसूली की संस्तुति के साथ रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।