बवाल के बाद फायरिंग में छात्र की मौत

Youth India Times
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छः सिपाहियों समेत 25 पर मुकदमा दर्ज
रामपुर। रामपुर के सिलईबड़ा गांव में फायरिंग में छात्र की मौत के बाद बवाल हो गया। लोगों ने रातभर धरना देते हुए पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मामले में लापरवाही मानते हुए चार सिपाहियों, एसडीएम और तहसीलदार के दो हमराह समेत 25 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। नाराज लोगों का कहना है कि एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ भी नामजद एफआईआर होनी चाहिए। सिलईबड़ा गांव में दो पक्षों के बीच विवाद ने तूल पकड़ा तो मंगलवार की शाम करीब चार बजे एसडीएम और तहसीलदार मौके पर पहुंच गए। ग्राम समाज की भूमि पर आंबेडकर पार्क का बोर्ड लगाने वाले पक्ष ने बोर्ड हटाने की कोशिश देख एसडीएम और तहसीलदार की गाड़ियों पर पथराव कर दिया। इन अफसरों के हटते ही दोनों पक्षों ने आपस में पथराव और फायरिंग शुरू कर दी।
इसके बाद आला अफसरों ने मौके का रुख किया। तीन थानों की पुलिस लगाकर गांव को छावनी में तब्दील कर दिया। दो पक्षों के विवाद में एक पक्ष की उत्तेजना तब और बढ़ गई जब उस पक्ष से जुड़े हाईस्कूल के छात्र सुमेश की गोली लगने से मौत हो गई। सुमेश के परिजनों ने पुलिस की गोली से बेटे की मौत का आरोप लगाते हुए अफसरों पर सवाल दागने शुरू कर दिए। एसपी राजेश द्विवेदी ने जांच कर उचित कार्रवाई का भरोसा देकर शांत करने का प्रयास किया लेकिन आक्रोशित लोग शांत नहीं हुए। छात्र का शव रखकर धरना शुरू कर दिया। इससे रात तक गांव में माहौल गर्माया रहा। हालात देख एसपी ने गांव में पुलिस की मुस्तैदी बढ़ा दी। मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने मौके पर पहुंचकर लोगों समझाना शुरू किया। मृतक के परिजनों और उनसे जुड़े ग्रामीणों ने मिलक के एसडीएम, सीओ, तहसीलदार और दो सिपाहियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग शुरू कर दी। कहा कि एफआईआर की कॉपी मिलने पर ही शव हटाएंगे। मंडलायुक्त ने लोगों को आश्वस्त किया कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। रात तक वार्ता का दौर चलता रहा।

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