पूर्व प्रधान सहित सात गिरफ्तार, 14 लाख रूपये का चेक, 6 फर्जी आधार कार्ड, 10 मोबाईल और एक स्कार्पियो गाड़ी बरामद
आजमगढ़। पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि पुलिस आरक्षी परीक्षा में नकल कराने का झांसा देकर पैसा वसूलने वाले गिरोह के सात सदस्यों को परीक्षा के पूर्व गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 14 लाख रूपये का चेक, 7360 रूपये नगदी, 06 फर्जी आधार कार्ड, 10 अदद मोबाईल, स्कार्पियो गाड़ी बरामद की गई है।
पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने कंधरापुर थाने में प्रेस वार्ता कर बताया कि आज एसओ वीरेन्द्र कुमार सिंह एवं थाना कंधरापुर की टीम एवं निरीक्षक नन्द कुमार तिवारी व स्वाट टीम के द्वारा मुखबिर की सूचना पर उत्तर प्रदेश पुलिस (आरक्षी) परीक्षा में नकल कराने का झांसा देकर पैसा वसूलने वाले गिरोह को नकल कराने से पूर्व ही सेहदा से चक बिजली ग्राम जाने वाले रास्ते पर 7 अभियुक्तों संजय यादव पुत्र स्व रामराज यादव निवासी कुम्भ मठिया थाना बरदह, रोहित पुत्र भरतलाल निवासी वार्ड नम्बर 2 अम्बेडकरनगर कसवा व थाना मेहनगर जनपद आजमगढ़, हरिवंश यादव पुत्र सुखई यादव निवासी दिवाकर पुर थाना गौराबादशाहपुर जनपद जौनपुर, भीम यादव (पूर्व प्रधान) पुत्र स्व मोती यादव निवासी खनियरा थाना देवगाव जनपद आजमगढ़, कैलाश यादव पुत्र श्यामजीत यादव निवासी ग्राम जैतीपुर थाना बरदह, राजेश तिवारी पुत्र स्व० सभाकर तिवारी निवासी ग्राम जियासह थाना मेहनगर व पवन कुमार सिंह पुत्र अनिल सिंह निवासी ग्राम भगेही थाना रामपुर जिला जौनपुर को गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से 3600/- रूपया, कुल 14 लाख रूपये के दो चेक, आज के उ0प्र0 पुलिस भर्ती परीक्षा से सम्बन्धित 09 एडमिट कार्ड, 06 फर्जी आधार कार्ड, 10 मोबाइल व 01 स्कार्पियों वाहन को बरामद किया गया। सभी अभियुक्तों के विरुद्ध थाना कंधरापुर में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पूछताछ करने पर अभियुक्तों ने बताया कि सरकारों द्वारा सरकारी नौकरी में की जाने वाली भर्ती के दौरान हमलोग परीक्षार्थियों से अपने स्रोत से गोपनीय रूप से सम्पर्क कर उन्हें प्रतियोगी परीक्षा में सफल कराने का झांसा देकर उनसे लाखों की रकम नगद/चेक के माध्यम से वसूलते है तथा एडमिट कार्ड की कापी वाट्सएप से मंगा लेते है। अपनी पहचान छिपाने के लिए हम लोग फर्जी आधार कार्ड रखते है ताकि किसी को पता न चले तथा परीक्षा के दिन परीक्षा केन्द्रो के समीप जाकर परीक्षार्थियों फोन या हार्ड कापी के माध्यम से फर्जी ‘आंसर की’ उपलब्ध कराकर उनके द्वारा दिया गया पैसा ऐठ लेते है। हम लोगों द्वारा कई बार सोशल मीडिया पर वायरल ‘आंसर की’ को भी इस्तेमाल कर लिया जाता है। आज भी यही प्लान था, लेकिन हम लोगों को पकड़ लिया गया।