लोकसभा चुनाव से पूर्व केन्द्र के इस कदम से राजनीतिक गलियारों में मची हलचल
लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती के उत्तराधिकारी घोषित हो चुके उनके भतीजे आकाश आनंद को केंद्र सरकार से बड़ा तोहफा मिला है। केंद्र सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा दे दी है। पिछली बार सपा से मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने वाली मायावती ने इस बार किसी दल से गठबंधन नहीं किया है। राजनीतिक विश्लेषक इससे भाजपा को ही फायदा होने की संभावना जता रहे हैं। हालांकि मायावती और आकाश आनंद दोनों लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। बसपा में मायावती के बाद केवल आकाश आनंद ही इस श्रेणी की सुरक्षा पाने वाले नेता बन गए हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार के फैसले से न सिर्फ यूपी की राजनीति में बल्कि देश की राजनीति में भी हलचल मच गई है। सपा और इंडिया गठबंधन के नेता मायावती को पहले ही भाजपा और केंद्र सरकार की सहयोगी बताते रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव से लेकर राज्यसभा चुनाव तक में बसपा विधायकों ने विपक्ष की जगह भाजपा प्रत्याशियों को ही वोट दिया था। मायावती के 28 साल के भतीजे आकाश आनंद ने शुक्रवार से ही हरियाणा से यात्रा निकालने की घोषणा भी की थी। उन्होंने फरीदाबाद से संविधान बचाओ सत्ता प्राप्ति संकल्प रथयात्रा का शुभारंभ किया है। इस यात्रा को भी लोकसभा चुनाव से पहले बसपा के लिए माहौल बनाने के नजरिए से ही देखा जा रहा है। \nकेंद्र सरकार का गृह मंत्रालय Z+ और Y+ कैटेगरी की सुरक्षा देश के कुछ ही VIP और VVIP लोगों को दी है। देश में आमतौर पर पांच तरह की वीवीआईपी सुरक्षा दी जाती है। इसमें Z+, Z, Y+, Y और X श्रेणी की सुरक्षा शामिल है। Y सिक्योरिटी भी VIP की सुरक्षा के लिए बनी है। इसमें 11 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं। इन 11 लोगों की टीम में 1 या 2 कमांडो होते हैं और 2 पीएसओ शामिल होते हैं। इसके अलावा सुरक्षा घेरे में कई पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं।
आकाश आनंद बसपा सुप्रीमो मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। आकाश आनंद ने लंदन के नामी कॉलेज से एमबीए करने के बाद साल 2017 में राजनीति में एंट्री ली थी। खुद मायावती ने आकाश को विधानसभा चुनाव के दौरान जनता के सामने पेश किया था। इसके बाद 2023 में उन्होंने आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने आकाश को स्टार प्रचारक की सूची में भी शामिल किया था। हालांकि अभी तक आकाश आनंद ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है।