आजमगढ़: फिर बुढ़वा को नहीं मिली दुल्हन

Youth India Times
By -
0
मुंह में लमचुस डाले बैरंग लौटना पड़ा वापस

आजमगढ़। होली की पूर्व संध्या पर देर शाम नगर में बुढ़वा की बरात और झांकी निकाली गई। दुल्हन की तलाश में निकला, लेकिन बुढ़वा को उसकी दुल्हन एक बार फिर नहीं मिली, जिससे उसे निराश ही लौटना पड़ा। मुंह में लमचुस डाले बैरंग वापस लौटना पड़ा। वहीं बुढ़वा की बारात में युवा डीजे की धुन पर अबीर-गुलाल उड़ाते हुए जमकर थिरके। जबकि झांकी में श्रीखाटु श्याम की झांकी सहित अन्य देवी-देवताओं की झांकियां आकर्षण की केंद्र रहीं। पुरानी कोतवाली स्थित श्रीरामलीला मैदान से श्री जगदीश जी हनुमान दल अखाड़ा को ओर से लाग की झांकी और बुढ़वा की बरात देर शाम निकाली गई। देवी देवताओं की बनाई गई झांकियों की आरती के बाद झांकी की शुरूआत हुई। बुढ़वा की बारात में मुख्य रूप से भगवान खाटू श्याम की झांकी, भगवान शिव, भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का उपदेश, भगवान श्रीराम की भक्ति करते हुए हनुमान, ब्रिटिश हुकूमत द्वारा क्रांतिकारियों को यातना देने की झांकी आदि आकर्षण का केंद्र रहे। वहीं बुढ़वा दूल्हा बनकर एक बार फिर दुल्हन की खोज में सज-धज कर निकला, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। बिना दुल्हन के बैरंग वापस लौटना पड़ा। उधर, डीजे की धुन पर युवा अबीर-गुलाल उड़ाते, नाचते-गाते चल रहे थे। झांकी जामा मस्जिद से निकलकर, पुरानी कोतवाली, तकिया, कोट, दलालघाट, सीताराम होते हुए पुनः पुरानी कोतवाली, मुख्य चौक, मातबरगंज, लालडिग्गी पुरानी सब्जीमंडी होते हुए जामा मस्जिद पहुंची। झांकी सकुशल संपन्न होने पर अखाड़े के प्रबंधक विभाष सिन्हा ने सभी कार्यकर्ताओं और सहयोगियों को बधाई दी। इस अवसर पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, श्रीचंद, संतोष नेता, सुरेश केसरी, जयप्रकाश, भोला, अशोक, पवन, अजय आदि मौजूद रहे।ं

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)