लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा भले ही कर दी हो पर बसपा में अभी मंथन का दौर जारी है। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने इस बार अपने दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है। वह उम्मीदवार चुनने के लिए फूंक-फूंक कर कदम उठा रही हैं। खासकर उन 10 सीटों पर जिस पर वह वर्ष 2019 के चुनाव में जीती थी। इसके अलावा वह आरक्षित और मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर भी ऐसे उम्मीदवार चाहती है, जिससे बेहतर लड़ सके। बसपा ने 10 सीटों पर पिछला चुनाव जीता था। अंबेडकर नगर, अमरोहा, बिजनौर, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर, लालगंज, नगीना, सहारनपुर और श्रावस्ती सीटें हैं। बसपा के सांसदों में अंबेडकर नगर के रितेश को भाजपा ने उम्मीदवार घोषित कर दिया है। गाजीपुर के अफजाल को सपा ने उम्मीदवार घोषित कर रखा है। घोसी के अतुल राय, अमरोहा के दानिश अली, जौनपुर के श्याम सिंह यादव और श्रावस्ती के राम शिरोमणि भी दूसरी पार्टियों के संपर्क में बताए जा रहे हैं। इसी के चलते इन सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। बसपा सुप्रीमो मायावती इन सीटों के अलावा मुस्लिम बाहुल्य और आरक्षित सीटों पर मजबूत उम्मीदवार चाहती हैं। इसीलिए अभी तक उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। बसपा सुप्रीमो ने मंडल कोआर्डिनेटरों से उम्मीदवारों का पैनल मांगा था। मंडलवार पैनल तो मिल चुके हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अधिकतर सीटों पर दमदार उम्मीदवारों के नाम नहीं हैं। बताया तो यह भी जा रहा है कि कुछ कोआर्डिनेटरों से भी चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया है।
इस इंतजार में रुकी है बीएसपी उम्मीदवारों की लिस्ट, मायावती की नई रणनीति
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Friday, March 08, 2024
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