लेखपाल का कारनामा, जांच आख्या में पिता को बना दिया पति

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सुविधा शुल्क के लिए जमीन के कागजों में किया खेल


उरई। यूपी में सुविधा शुल्क के चक्कर में लेखपाल नियमों का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे है। उरई जिले के कोटरा क्षेत्र से ठीक ऐसा ही एक मामला सामने आया हैं, जिसने भाइयों द्वारा अपने नाम दर्ज कराई गई जमीन में हिस्सा लेने के लिए जब पीड़िता ने आवेदन किया तो लेखपाल ने बगैर पड़ताल किए जांच आंख्या में पिता को ही स्व. पति बना डाला। इसके चलते पीड़िता पिछले छह माह से न्याय के लिए दर दर भटक रही है। उसने कलेक्ट्रेट में डीएम से भी इस मामले की शिकायत की है और लेखपाल पर दूसरे पक्ष से मिलीभगत कर यह सब षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया है। कोटरा निवासी लक्ष्मी देवी पुत्री स्व. मेवालाल ने बताया कि वर्ष 2017 में उसके पिता का देहांत हो चुका है। वह उसके तीन भाई और तीन बहनें है। अविवाहिता होने की वजह से कानूनी रुप से पैतृक सम्पत्ति पर उसका भी हक है। हालांकि पिता के निधन के कुछ दिन बाद वह अपने बहन के यहां जाकर रहने चली गई। आरोप है कि इसी का फायदा उठाकर भाइयों से षड़यंत्र कर सारी पैतृक जमीन अपने नाम करा ली। लेखपाल ने उनका साथ भी दिया। जब उसने भाइयों से हिस्सा मांगा तो लड़ाई झगड़ा शुरू कर दिया है। उसने जमीन के बारे में पता किया तो मालूम हुआ कि उसे कागजों में बेदखल किया जा चुका है। उसने फौरन ही जन सुनवाई में इस मामले की शिकायत की। आरोप है कि यहां क्षेत्रीय लेखपाल ने सांठगांठ कर जांच आंख्या में उसे स्व. पिता का पति बना दिया। डीएम के यहां शिकायत करने पहुंची पीड़िता का कहना है कि बगैर जांच के ही लेखपाल ने रिपोर्ट लगा दी। उसका आरोप है कि लेखपाल भाइयों से मिले हुए है। खासकर लेखपाल की नियत भी ठीक नहीं है। दतहसीलदार शेर बहादुर सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। फिर भी पता किया जाएगा। अगर ऐसा है तो जांच के बाद कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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