आजमगढ़: धूमधाम से मना जीडी ग्लोबल स्कूल का 11वां स्थापना दिवस

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विद्यालय के प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने शैक्षिक परीक्षाओं में प्रतिभाग किए विजयी परीक्षार्थियों को किया पुरस्कृत

आजमगढ़। 14 अप्रैल को करतालपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में विद्यालय का 11वां स्थापना दिवस एवं पुरस्कार वितरण समारोह धूमधाम से मनाया गया। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल ने सर्वप्रथम विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल, प्रबंधक गौरव अग्रवाल, कार्यकारिणी निदेशक श्रीश अग्रवाल, विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका सारस्वत पाण्डेय के साथ गौमाता की पूजा अर्चना की। तत्पश्चात् मां शारदे एवं संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीपप्रज्वलन किया। विद्यालय की निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल एवं प्रबंधक गौरव अग्रवाल तथा कार्यकारिणी निदेशक श्रीश अग्रवाल, प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका सारस्वत पाण्डेय ने पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का प्रारंभ मां शारदे की वंदना से प्रारंभ हुआ। विद्यालय के जूनियर वर्ग की छात्राओं ने गणेश वंदना पर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति करते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की। स्वागत गीत की आकर्षक प्रस्तुति पर दर्शकों ने तालियों की झड़ी लगा दी। विद्यालय के नन्हें-मुन्हें बच्चों द्वारा अनुपम नृत्य प्रस्तुत किया गया। प्राथमिक वर्ग के छात्र-छात्राओं द्वारा ड्रिल डांस का प्रदर्शन किया गया। बच्चों ने ‘कागज के दो पंख’ पर मधुर गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम को संगीतमय कर दिया। सीनियर वर्ग की छात्राओं ने राजस्थान की संस्कृति पर राजस्थानी नृत्य प्रस्तुत करके लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। कक्षा 11 के छात्रों ने लावनी नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम को आनंद से सराबोर कर दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति के बाद कक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त नन्हें-मुन्हें बच्चों को मुख्य अतिथि अनिल जी ने पुरस्कृत करते हुए डॉ भीमराव अम्बेडकर का देश और संविधान के प्रति किए गए अमूल्य योगदान को स्मरण कराया। उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि भीमराव रामजी आम्बेडकर, डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। अंबेडकर ने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। उन्होंने गौवंश की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि विद्यालय ने गौवंश की सेवा एवं रक्षा हेतु रोटी बैंक प्रारंभ किया जिसका उद्देश्य समाज में गौवंश के प्रति लोगों में करूणा और जागरूकता की भावना प्रेरित करना है, जो परम पुनीत कार्य है। समाज में लोगों को गौसेवा हेतु सदैव तत्पर रहना चाहिए। विद्यालय के कार्य और विकास की सराहना करते हुए कहा कि जी डी ग्लोबल स्कूल विद्यार्थियों के उत्तरोत्तर विकास के लिए सदैव संकल्पित है जो प्रारंभ से ही विद्यार्थियों को आधुनिकतम तकनीकियों से युक्त शिक्षा और सुविधाएं प्रदान करता है। यह एक ऐसा विद्यालय है जो शारीरिक स्तर पर खेल एवं पाठ्य सहगामी क्रियाओं में श्रेष्ठता रखते हुए निरन्तर उच्चतम मानक स्थापित करता है। यह विद्यालय न केवल देश को आदर्श नागरिक प्रदान कर रहा है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्र सेवा हेतु श्रेष्ठ प्रतिभाएं भी समर्पित कर रहा है। पूर्णरूप से सृजनात्मकता, नवाचार और सतत् विकास में विश्वास रखते हुए तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को उद्धृत करते हुए उन्होंने शिक्षा के लक्ष्य पर अभिभावकों एवं विद्यार्थियों को ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय की शिशु वाटिका के नौनिहालों को निदेशिका श्रीमती स्वाति अग्रवाल ने पुरस्कृत करते हुए कहा कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास ही हमारे विद्यालय का लक्ष्य है। इस निमित्त न केवल पाठ्यक्रम पर अपितु पाठ्येतर गतिविधियों में भी कौशल संवर्धन हेतु विद्यालय सतत प्रयासरत है। जी डी ग्लोबल स्कूल बच्चों के पढ़ाई, खेलकूद, संगीत, नृत्य, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के साथ साथ राष्ट्र, परिवार, पर्यावरण, जीव-जंतु के साथ प्रेम और करुणा की भावना को संवर्धित करने की भी प्रेरणा देता है। विद्यालय के प्रबंधक गौरव अग्रवाल ने शैक्षिक परीक्षाओं में प्रतिभाग किए विजयी परीक्षार्थियों को पुरस्कृत किया और कहा कि पुरस्कार वितरण प्रोत्साहन का मुख्य आयाम है। बच्चों को अपनी रूचि के अनुसार विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभाग करना चाहिए जिससे न केवल शैक्षिक अपितु शारीरिक और मानसिक विकास भी हो सके। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम को उद्धृत करते हुए कहा कि फेल का अर्थ है- सीखने का प्रथम प्रयास। किसी राष्ट्र के भाग्य का निर्धारण उस रार्ष्ट्में दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर है । शिक्षा विद्यार्थी को स्वयं से खोज के लिए सशक्त बनाती है प्रत्येक विद्यार्थी के अन्दर एक डॉक्टर, इंजीनियर, अध्यापक, समाजसेवी, खिलाड़ी, पर्यावरणविद्, कवि, लेखक, अर्थशास्त्री इत्यादि छिपा है। इसलिए अपने बच्चों को सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहें। विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती मोनिका सारस्वत पाण्डेय ने सीनियर वर्ग की छात्राओं में शैक्षिक परीक्षाओं में प्राप्त उत्कृष्ट स्थान, साइंस ओलम्पियाड फाउंडेशन एवं अन्य पाठ्येतर गतिविधियों में विजयी विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते हुए कहा कि हमारा स्कूल लगातार अपने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करता है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए, कर्मचारी हमेशा जीवंत, उत्साही और सकारात्मक दृष्टिकोण रखता है। हमारा निरंतर प्रयास है कि प्रत्येक छात्र अपने जीवन के रथ को नियंत्रित करने के लिए सही कौशल संवर्धन और ज्ञान को आत्मसात करे। कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की उपप्रधानाचार्या श्रीमती मधु पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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