बीएड की मान्यता रद्द कर दी गई
आजमगढ़। बिना मान्यता लिए बीएड की कक्षाएं चलाने और निर्धारित से अधिक सीटों पर प्रवेश लेने के मामले में महराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय से संबद्ध चार महाविद्यालयों पर शिकंजा कसा गया है। इन पर तीन-तीन लाख रुपये जुर्माना लगाने के साथ बीएड की मान्यता रद्द कर दी गई। प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को दूसरे महाविद्यालयों में समायोजित करा दिया गया है। महराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय से आजमगढ़ और मऊ के कुल 438 महाविद्यालय संबद्ध हैं। इन महाविद्यालयों में 15 सरकारी सहायता प्राप्त गैर सरकारी कॉलेज, चार सरकारी कॉलेज और 419 स्व-वित्तपोषित कॉलेज शामिल हैं। विश्वविद्यालय और उसके महाविद्यालयों में कृषि, कला, वाणिज्य, शिक्षा, कानून और विज्ञान संकाय के तहत विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स चलाए जाते हैं। स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में बीए, बीएड, बीएससी, बीएससी एजी, बीकॉम और एलएलबी प्रमुख हैं। परास्नातक पाठ्यक्रमों में एमए, एमएड, एमएससी, एमएसी एजी, एमकाम और एलएलएम प्रमुख हैं। इन महाविद्यालयों में 131 महाविद्यालय बीएड की कक्षाओं का संचालन करते हैं। इनमें कुल 11650 सीटें उपलब्ध हैं। इनमें मऊ के रामलखन पीजी कॉलेज और आजमगढ़ के ईशमती महिला महाविद्यालय बनकट के पास बीएड की मान्यता नहीं थी। लेकिन ये कक्षाओं का संचालन कर रहे थे। मऊ के रामलखन पीजी कॉलेज में 100 सीटें दिखाकर 96 विद्यार्थियों और आजमगढ़ के ईशमती महिला महाविद्यालय में 100 सीटें दिखाकर 56 विद्यार्थियों का प्रवेश लिया गया था। इसके अलावा शेखर सोशल महिला महाविद्यालय एंड एजुकेशनल फाउंडेशन और एक अन्य महाविद्यालय के पास 50-50 सीटों की मान्यता थी, लेकिन दोनों महाविद्यालय 100 सीटें दिखाकर प्रवेश ले रहे थे। एनसीईटी की जांच में सच्चाई सामने आ गई। इसके बाद कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार शर्मा ने संबंधित महाविद्यालयों की बीएड की मान्यता रद्द करते सभी पर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। विद्यार्थियों का समायोजन दूसरे महाविद्यालयों में करा दिया है। रजिस्ट्रार विशेश्वर प्रसाद के अनुसार, बीएड की मान्यता के लिए पहले संबंधित महाविद्यालय को राज्य सरकार से एनओसी लेनी पड़ती है। एनओसी मिलने के बाद उसे एनसीईटी की वेबसाइट पर मान्यता के लिए आवेदन करना होता है। इन महाविद्यालयों की ओर से मान्यता के लिए आवेदन किए गए थे, जो एनसीईटी की वेबसाइट पर दिख रहा था। इस कारण बढ़ी सीटों पर एडमिशन लेना शुरू कर दिया था।