हाईकोर्ट ने खारिज की यह मांग
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने अपना दल (कमेरावादी) की पार्टी को चुनाव चिन्ह के रूप में 'लिफाफा' आवंटित करने की मांग वाली खारिज कर दी है. पीठ ने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसलिए याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति बीआर सिंह की पीठ ने अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल की ओर से दायर याचिका पर पारित किया है. याचिकाकर्ता ने मांग की कि अदालत निर्वाचन आयोग को याचिकाकर्ता को ‘लिफाफा’ चुनाव चिन्ह आवंटित करने का आदेश दे. याचिका में कहा गया था कि याची की पार्टी निर्वाचन आयोग में पंजीकृत है. हालांकि यह एक गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है. 22 दिसंबर 2023 को याची की पार्टी की ओर से चुनाव चिन्ह आवंटित करने संबंधी प्रार्थना पत्र आयोग को दिया गया था, जिस पर आयोग ने विचार नहीं किया. अदालत को बताया गया कि चुनाव चिन्ह का आवंटन न होने के कारण पार्टी आम चुनावों में अपने प्रत्याशी नहीं उतार पा रही है. निर्वाचन आयोग ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पार्टी की ओर से भेजा गया आवेदन अधूरा होने के कारण खारिज कर दिया गया है. उसने यह भी दलील दी कि अनुच्छेद 329 (बी) के तहत चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाने के बाद, उच्च न्यायालय के लिए रिट क्षेत्राधिकार के तहत हस्तक्षेप करने की गुंजाइश बहुत सीमित होती है.