गोरखपुर। जेल का नाम सुनते ही एक ऐसी चाहरदीवारी जेहन में आती है, जहां अपराध करने वाले अपने किए की सजा भोगते हैं। परिजनों का उत्साह मर जाता है तो कई परिवार बिखर जाते हैं। कैदखाने की इस एकाकी दुनिया में भी जिंदगी के हसीन सपने पल रहे हैं, रिश्तों की नई डोर बंध रही है। यहां दूल्हे पसंद किए जा रहे हैं तो बहुओं की मुंह दिखाई भी हो रही है। गोरखपुर जेल से पिछले एक साल में दर्जनभर से ज्यादा बेटे-बेटियों की शादियां तय हुईं। जिन्हें कानूनी इजाजत मिली, उन्होंने बाहर जाकर शहनाइयों की गूंज भी सुनी।और जो नहीं जा सके, उनकी बहुओं या दामादों ने जेल जाकर परिजनों का आशीर्वाद लिया।
गोरखुपर जेल में ऐसे तमाम कैदी उम्रकैद या लंबी सजा काट रहे हैं, जिनकी जिम्मेदारियां अभी बाकी हैं। इनमें से किसी को बेटी के हाथ पीले करने की फिक्र थी तो किसी का बेटा शादी के लायक हो गया था। इनके रिश्तों की बात चली और जेल में उस पर सहमति की मुहर लगी। वर्ष 2023-24 में जेल में 13 शादियां तय हुईं और फिर घरों में शहनाई बजी। इनमें आठ दूल्हे पंसद किए गए और पांच बहुओं की मुंह दिखाई हुई। जेल अधिकारी भी इस खुशी में शरीक हुए और मिठाई खिलाकर मुबारकबाद दी। कुछ और बंदियों-कैदियों के बेटे-बेटियों के रिश्तों की बात चल रही है। वर-वधु पक्ष का लगातार जेल में आना-जाना लगा हुआ है। लगन शुरू होते ही उनके घरों में मंगलगीत बजने की उम्मीद है।