सपा नेता को किया माफ, इस सीट पर राहत में अखिलेश!
प्रतापगढ़। लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में पांचवें चरण का मतदान 20 मई को होना है. जैसे-जैसे चुनाव पूर्वांचल की ओर बढ़ रहा है उसी रफ्तार से नेताओं के समर्थन और विरोध का सिलसिला और तेज हो रहा है. राज्य स्थित प्रतापगढ़ से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के नेता और कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया ने किसी भी दल को समर्थन नहीं देने का फैसला किया है. हालांकि सूत्रों ने बुधवार को दावा किया है कि राजा भैया ने अपने समर्थकों को यह संदेश पहुंचा दिया है कि प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का समर्थन किया जाए. लेकिन अभी तक इस पर दोनों ओर से कोई अधिकृत प्रतिक्रिया नहीं आई है. इन दावों के बीच राजा और सपा की एक और नजदीकी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक राजा भैया के निर्देशानुसार सपा नेता इंद्रजीत सरोज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा उनके अधिवक्ता वापस लेंगे. दरअसल साल 2019 लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस बयान के बाद आमजन और समर्थक आक्रोशित हुए थे. राजा भैया के कानूनी सलाहकार हनुमान प्रसाद पांडेय ने मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था. फिलहाल यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है. इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेन्द्र सरोज कौशांबी से सपा प्रत्याशी हैं. सूत्रों के अनुसार दोनों ने सोमवार शाम राजा भइया से मुलाकात की. समर्थन मांगते हुए पुराने गिले शिकवे भूलने का निवेदन किया. जनसत्ता दल के मुखिया ने दोनों को माफ कर दिया और मुकदमा वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 25 साल के पुष्पेंद्र सरोज लंदन से पढ़कर लौटे हैं. लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं. कौशांबी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया है. दावा किया जाता है कि राजा भैया से भारतीय जनता पार्टी के नेता और कौशांबी से बीजेपी उम्मीदवार विनोद सोनकर के आचरण से नाराज हैं. हालांकि मंगलवार को ही संजीव बालियान और विनोद सोनकर ने राजा भैया से मुलाकात की थी.