आजमगढ़: स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है-प्रो0 प्रदीप कुमार शर्मा

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एनसीसी कैडेटों ने रैली के माध्यम से लोगों को योगाभ्यास के प्रति किया जागरूक

आजमगढ़। राज्यपाल उत्तर प्रदेश शासन की मंशानुसार, प्रो0 पी0 के0 शर्मा, कुलपति महाराजा सुहेलदेव विश्विद्यालय, आज़मगढ़ के निर्देश के क्रम में, डी ए वी पी जी कॉलेज, शिब्ली नेशनल कॉलेज, शिवा पी जी कॉलेज,गाँधी पी जी कॉलेज, मालतारी, दुर्गा जी पी जी कॉलेज चंडेश्वर के एन सी सी कैडेटों ने मंगलवार प्रातः 8 बजे रैली के माध्यम से लोगों को योगाभ्यास के प्रति जागरूक किया। रैली बटालियन मुख्यालय से कोट मुहल्ला-डी ए वी कॉलेज होते हुए पुनः बटालियन पर जाकर समाप्त हुई जहाँ ले0 डॉ0 पंकज सिंह, सहयुक्त एन सी सी अधिकारी,डी ए वी कॉलेज, ने पी0 आई स्टाफ और कैडेटों को स्वस्थ जीवनशैली हेतु शासन द्वारा प्रेषित योगा-शपथ दिलाई। कमान अधिकारी ले0 कर्नल वी0 एस0 चूड़ावत ने कैडेटों को अपने संदेश में कहा कि जिस तरह एन सी सी कैडेट्स अपने ध्येय वाक्य एकता और अनुशासन को चरितार्थ करते हैं उसी तरह योगा भी एकता और अनुशासन का दूसरा रूप है।
योग सप्ताह पर अपने संदेश में कुलपति प्रो0 प्रदीप कुमार शर्मा ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। कोरोना काल पश्चात लोगों की जटिल जीवन शैली में खुद को स्वस्थ रखना और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत रखना और भी कठिन हुआ है। भारतीय मनीषा की अद्भुत देन योगा के द्वारा न केवल हम खुद को स्वस्थ रख सकते हैं अपितु एक स्वस्थ और सशक्त समाज का निर्माण कर राष्ट्र को सशक्त बना सकते हैं। कुलपति ने बताया कि राज्यपाल के निर्देश पर पूरे प्रदेश के विश्विद्यालयों द्वारा ऑनलाइन योगा शपथ की मुहिम में, महाराजा सुहेलदेव विश्विद्यालय आज़मगढ़ के छात्र छात्राओं और आम जनमानस में लगभग पचास हज़ार से अधिक लोगों ने ऑनलाईन योग-शपथ ली है। इस मुहिम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों को उन्होंने शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए योग के माध्यम से उनके जीवन मे उत्तम स्वास्थ्य की कामना भी प्रकट की। उन्होंने 18 जून से 21 जून तक समस्त 454 सम्बद्ध महाविद्यालयों को भौतिक रूप से विभिन्न योग कार्यक्रम आयोजित कराने के भी निर्देश दिए हैं जिनके फ़ोटो महाविद्यालय उन सचिव की ईमेल पर भी भेजेंगे। आगामी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को पूरे उत्साह से मनाने की आशा करते हुए छात्र छात्राओं और उनके परिवारों एवं समाज के सभी लोगों से योग को सदैव के लिये अपने जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की। आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध विकसित राष्ट्र के लिए उसके नागरिकों का स्वस्थ होना प्राथमिक आवश्यकता है।

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