जमीन के टुकड़े की खातिर मिट्टी में मिल गया दो परिवारों का रसूख

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गोलीकांड में दहल गया था शहर, पढ़िए घटना के पीछे की कहानी

बरेली। बरेली में जमीन के एक टुकड़े पर कब्जे को लेकर प्रॉपर्टी डीलर राजीव राना और आदित्य उपाध्याय का रसूख मिट्टी में मिल गया। प्रॉपर्टी के काम से दोनों ने थोड़े ही वक्त में काफी नाम और धन कमाया। दोनों विवादित भूखंडों को सस्ते में खरीदकर कब्जा करने के बाद महंगे दाम पर बेचते थे। इस बार दांव उल्टा पड़ा तो उनकी अपनी संपत्तियां ताश के पत्तों की तरह बिखर गईं। जिस प्लॉट की खातिर 22 जून को गोलीकांड हुआ, वह पीलीभीत बाइपास पर स्थित होने के कारण बेशकीमती है। दोनों गुटों की नजर इस प्लॉट पर थी। प्लॉट को लेकर एक डॉक्टर और हिस्ट्रीशीटर भी आमने-सामने आ गए थे। लंबे समय तक दोनों में खींचतान चली थी। डॉक्टर ने प्लॉट पर कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन आखिर समय में मामला बिगड़ गया था। जब हिस्ट्रीशीटर को प्लॉट छिनने का अंदेशा हुआ तो उसने आदित्य को आगे कर दिया। वहीं, डॉक्टर ने थक हारकर राजीव राना के हाथ कमान सौंप दी। इसके बाद दोनों रसूखदार प्लॉट को लेकर एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए। इस प्लॉट पर विवाद बढ़ा तो राजीव पक्ष ने आदित्य पक्ष पर पहले भी एक मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे में पुलिस सख्ती नहीं बरत पाई, क्योंकि दोनों पर ही सत्ताधारी नेताओं का हाथ था। इसके बाद राजीव ने पुलिस से सेटिंग कर प्लॉट को छीनने की योजना बनाई। दोनों गुटों ने पुलिस को चुनौती देते हुए गोलीकांड कर शहर को दहला दिया। बीच सड़क पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। अपने रसूख के घमंड में चूर होकर शहर की कानून-व्यवस्था को मिट्टी में मिलाने वाले दोनों गुटों पर पुलिस ने शिकंजा कसा तो उनका रसूख ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। पुलिस ने बुलडोजर कार्रवाई के जरिये दोनों के रसूख को मिट्टी के ढेर में तब्दील कर दिया। दोनों गुटों के लोगों में कार्रवाई को लेकर दहशत है। वहीं, शहर के लोगों में इस बात की खुशी है कि भविष्य में दूसरे माफिया इस तरह की हिमाकत करने से पहले सौ बार सोचेंगे। राजीव राना के बारे में बताया जाता है कि उसके बेटे और भाई समेत पूरा कुनबा प्रॉपर्टी के काम में लगा हुआ है। ये लोग विवादित भूखंड औने-पौने दाम में खरीद लेते हैं और बाद में अच्छे दाम में बेच देते हैं। राजीव के साथ परिवार के लोग मकान बनाकर भी बेचते हैं। इस कारोबार से परिवार ने अच्छी खासी संपत्ति अर्जित कर ली है जो अब पुलिस के रडार पर आ गई है। रजिस्ट्री दफ्तर और तहसील से राजीव के परिजनों के नाम दर्ज संपत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस गैंगस्टर के तहत राजीव और उसके परिजनों की संपत्ति को जब्त करने में जुटी है। राजीव राना ने जिस अंदाज में आत्मसमर्पण किया, उसमें एक सिंडीकेट की भूमिका का अंदेशा है। एसएसपी ने इसकी जांच एसपी साउथ मानुष पारीक को सौंपी है। बृहस्पतिवार को कार्रवाई के दौरान अचानक मौके पर राना की आमद चौंकाने वाली रही। लोग इसे पुलिस से सेटिंग मान रहे थे पर हकीकत में पुलिस भी इस तरह आत्मसमर्पण से हैरत में रही। अब एसएसपी अनुराग आर्य ने इसका पता लगाने के लिए जांच सौंपी है कि आत्मसमर्पण कराने के पीछे किसकी भूमिका है।

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