आजमगढ़। लालगंज लोकसभा सीट पर चार बार कब्जा जमाने वाली बसपा का सबसे खराब प्रदर्शन इस लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। वहीं सत्तारूद्ध भाजपा की हालत भी खराब रही। लालगंज की चार विधानसभाओं में 13 बूथों पर भाजपा को मिले 10 से कम वोट मिले। वहीं बसपा को 271 बूथों पर 10 से कम वोट मिले। लालगंज लोकसभा की चार विधानसभाओं के उपलब्ध मतगणना के आंकड़ों पर गौर करें तो निजामाबाद विधानसभा में सात बूथ ऐसे रहे जिन पर भारतीय जनता पार्टी का मत दहाई के आंकड़े को भी नहीं छू सकी। वहीं बहुजन समाज पार्टी की बात करें तो वह 65 बूथों पर दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सकी। इतना ही नहीं छह बूथों पर उसकी बोहनी तक नहीं हुई। निजामाबाद के 126 बूथ ऐसे रहे जहां भाजपा को 100 से भी कम मत प्राप्त हुए। वहीं निजामाबाद विधानसभा के 96 बूथों पर बसपा को 100 से कम वोट मिले। दीदारगंज विधानसभा में जहां भाजपा को चार बूथों पर 10 से भी कम मत मिले वहीं बसपा 95 बूथों पर दहाई के आंकड़े को छू नहीं सकी। जबकि तीन बूथ ऐसे भी रहे जहां बसपा के मतों का खाता तक नहीं खुला। भाजपा को 120 बूथों पर 100 मतों से कम मिले तो बसपा को 95 बूथों पर 100 से भी कम वोट मिले। इसमें सबसे बड़ी बात तो यह रही कि भाजपा को सबसे कम चार वोट एक बूथ पर तो बसपा को कई बूथों पर एक से लेकर दो वोट मिले। लालगंज और अतरौलिया विधानसभा क्षेत्र में दोनों पार्टियों की हालत में कुछ सुधार देखने को मिला। लालगंज में भाजपा जहां दो बूथों पर ही दो बूथों पर 10 से कम वोट मिले तो अतरौलिया में कोई भी बूथ ऐसा नहीं था जहां उसे 10 से कम वोट मिला हो। वहीं बसपा की बात करें तो लालगंज में उसे 65 बूथों पर 10 से कम तो तीन बूथों पर खाता तक नहीं खुला। वहीं अतरौलिया में हर बूथ पर बसपा का खाता खुला लेकिन 46 बूथों पर उसे 10 से कम मत मिले। भाजपा को लालगंज में 62 तो अतरौलिया में 49 बूथों पर 100 से कम मत प्राप्त हुए। जबकि बसपा को लालगंज में 130 बूथों और अतरौलिया में 150 बूथों पर 100 से कम मत प्राप्त हुए।
आजमगढ़ : लालगंज में सत्तारूद्ध भाजपा की हालत रही खराब
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Saturday, June 08, 2024
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आजमगढ़। लालगंज लोकसभा सीट पर चार बार कब्जा जमाने वाली बसपा का सबसे खराब प्रदर्शन इस लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। वहीं सत्तारूद्ध भाजपा की हालत भी खराब रही। लालगंज की चार विधानसभाओं में 13 बूथों पर भाजपा को मिले 10 से कम वोट मिले। वहीं बसपा को 271 बूथों पर 10 से कम वोट मिले। लालगंज लोकसभा की चार विधानसभाओं के उपलब्ध मतगणना के आंकड़ों पर गौर करें तो निजामाबाद विधानसभा में सात बूथ ऐसे रहे जिन पर भारतीय जनता पार्टी का मत दहाई के आंकड़े को भी नहीं छू सकी। वहीं बहुजन समाज पार्टी की बात करें तो वह 65 बूथों पर दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सकी। इतना ही नहीं छह बूथों पर उसकी बोहनी तक नहीं हुई। निजामाबाद के 126 बूथ ऐसे रहे जहां भाजपा को 100 से भी कम मत प्राप्त हुए। वहीं निजामाबाद विधानसभा के 96 बूथों पर बसपा को 100 से कम वोट मिले। दीदारगंज विधानसभा में जहां भाजपा को चार बूथों पर 10 से भी कम मत मिले वहीं बसपा 95 बूथों पर दहाई के आंकड़े को छू नहीं सकी। जबकि तीन बूथ ऐसे भी रहे जहां बसपा के मतों का खाता तक नहीं खुला। भाजपा को 120 बूथों पर 100 मतों से कम मिले तो बसपा को 95 बूथों पर 100 से भी कम वोट मिले। इसमें सबसे बड़ी बात तो यह रही कि भाजपा को सबसे कम चार वोट एक बूथ पर तो बसपा को कई बूथों पर एक से लेकर दो वोट मिले। लालगंज और अतरौलिया विधानसभा क्षेत्र में दोनों पार्टियों की हालत में कुछ सुधार देखने को मिला। लालगंज में भाजपा जहां दो बूथों पर ही दो बूथों पर 10 से कम वोट मिले तो अतरौलिया में कोई भी बूथ ऐसा नहीं था जहां उसे 10 से कम वोट मिला हो। वहीं बसपा की बात करें तो लालगंज में उसे 65 बूथों पर 10 से कम तो तीन बूथों पर खाता तक नहीं खुला। वहीं अतरौलिया में हर बूथ पर बसपा का खाता खुला लेकिन 46 बूथों पर उसे 10 से कम मत मिले। भाजपा को लालगंज में 62 तो अतरौलिया में 49 बूथों पर 100 से कम मत प्राप्त हुए। जबकि बसपा को लालगंज में 130 बूथों और अतरौलिया में 150 बूथों पर 100 से कम मत प्राप्त हुए।
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