आजमगढ़ : लंगड़ा अभियान के लिए याद किए जाएंगे एसपी अनुराग आर्य

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32 माह के कार्यकाल में 117 अपराधी हुए घायल तो 109 की हुई गिरफ्तारी
जनपदवासियों से इस बात की मांगी माफी
रिपोर्ट : वेद प्रकाश सिंह 'लल्ला'

आजमगढ़। बुधवार को पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य जिले के पुलिस कप्तान की कुर्सी छोड़ स्थानांतरण की प्रक्रिया के क्रम में अपने कार्यकाल से रुखसत होकर अपने अगले पड़ाव बरेली जनपद के लिए रवाना हो गए। उनके विदाई समारोह में शामिल नवागत डीआईजी वैभव कृष्ण और अन्य पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति के साथ ही जिले के प्रबुद्धजनों एवं मीडिया के लोगों में उनकी बेहतरीन कार्यशैली चर्चा का विषय बनी रही। हो भी क्यों नहीं जिले में अपने 32 महीने के कार्यकाल में जनपदवासियों के लिए जो उन्होंने कर दिखाया वो लोगों को जीवन पर्यन्त याद रहेगा। इस दौरान उन्होंने कानून की धज्जियां उड़ाने वाले अपराधी प्रवृत्ति लोगों को जिस तरह सबक सिखाया वो हर किसी को गाहे-बगाहे याद रहेगा। माफिया मुख्तार अंसारी, विधायक एवं पूर्व सांसद रमाकांत यादव, ध्रुव सिंह कुंटू, अखंड प्रताप सिंह सहित तमाम ऐसे नामचीन लोग हैं जिनके सपनों में भी अनुराग आर्य की तस्वीर उनकी नींद हराम कर देती होगी। रही बात उनके न्याय प्रणाली की तो उनकी अदालत में न्याय की फरियाद लगाने वाले भी आज उनके जाने की खबर पाकर उन्हें दिल से दुआ देते नजर आए।

बात हो रही है आइपीएस अधिकारी अनुराग आर्य की जो कानून व्यवस्था पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने के लिए जाने जाते हैं। कभी बाइक पर सवार होकर आम नागरिक बन कानून व्यवस्था की जानकारी लेने तो कभी अपने आवास से पूरब की ओर रवानगी बताकर विपरीत दिशा के थानों का औचक निरीक्षण कर मातहतों की सक्रियता जांचने पहुंच जाना लोगों को हैरत में डाल देता था। एसपी की कार्यप्रणाली से उनके मातहत ही नहीं जनमानस भी हैरान रहा। जिले का पदभार ग्रहण करने के उपरांत उन्होंने अपराध जगत में अपनी हनक कायम रखने के लिए जो तरीका अपनाया वह लंबे अरसे तक लोगों को याद रहेगा। शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा व लोकसभा चुनाव संपन्न कराने की जो मिसाल उन्होंने कायम की वह भी जिले के लोगों के लिए यादगार बन गया। उनकी उपलब्धियों पर नजर डालें तो अपने कार्यकाल में पुलिसिया कार्यपद्धति को अपने सांचे में ढालने में सफल रहे पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने चापलूसी करने वाले जनप्रतिनिधियों या फिर समाजसेवी बने लोगों को कभी तवज्जो नहीं दी और न्याय की गुहार लगाने वालों के मामले को गंभीरता से निपटाकर अपनी अलग पहचान बनाई। उनका यही वाक्य कि हमें अवसर मिला है तो हम लोगों को न्याय दें। यह शब्द ही लोगों को भरपूर सुकून देता था। फरियादियों के लिए सदा-सर्वदा सुलभ अनुराग आर्य के पास वह नेतागण कभी आसपास फटक नहीं सके जो किसी दूषित मंशा से उनके पास पहुंच बनाने के लिए उनसे ऊंचे ओहदों का इस्तेमाल करने में महारत हासिल कर चुके थे। उनके इमानदारी के चर्चे किसकी जुबां पर नहीं है। कानून व्यवस्था में जब भी पुलिसकर्मियों की गलत संलिप्तता सामने आती थी, वह कार्रवाई से भी कभी पीछे मुड़कर नहीं देखे। पुलिसिया कार्यपद्धति को उन्होंने अपने रंग में रंग दिया। जनता गहरा प्रभाव छोड़ने के लिए उन्होंने जो खाका खींचा उसने जनमानस और पुलिस का नाता और मजबूत किया, जिससे लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास जगा। उनके कार्यकाल की मुख्य उपलब्धियों पर नजर डालें तो गैंगस्टर एक्ट के 75 मामलों में अवैध तरीके से अर्जित की गई लगभग 24 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। इसमें माफिया मुख्तार अंसारी, ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू एवं अखंड प्रताप सिंह व उनके 54 सहयोगियों की लगभग साढ़े 11 करोड़ की संपत्ति शामिल रही। 32 माह में जिले में कुल 133 मुठभेड़ हुई जिसमें 226 अपराधी गिरफ्तार किए गए, इसमें 117 अपराधी घायल हुए। जिले के गुंडा प्रवृत्ति 2751 लोगों पर कार्रवाई हुई तो 553 अपराधी जिलाबदर किए गए। जिले के माहुल अवैध शराब कांड के बाद जिस तरीके से उन्होंने नकेल कसी वो कार्रवाई आज भी लोगों के जेहन में ताजा है। फूलपुर क्षेत्र में कप सिरप फैक्ट्री के नाम पर संचालित नकली शराब की फैक्ट्री का खुलासा करते हुए दर्जनों शराब कारोबारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई जिसमें सपा विधायक व पूर्व सांसद रमाकांत यादव आज भी जेल में निरुद्ध हैं। अपने कार्यकाल के दौरान अपराध जगत में सक्रिय लोगों के 48 असलहों को निलंबित करते हुए 126 असलहों का लाइसेंस निरस्त करने वाले वो अकेले पुलिस कप्तान साबित हुए। नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के क्रम में दो हजार 88 किलोग्राम गांजा और बड़ी मात्रा में हेरोइन की बरामदगी उनकी बेहतर कार्यप्रणाली को साबित करती है।
-- इस जनपद में तैनाती होने के बाद आमजन और मातहतों के साथ लंबा कार्यकाल व्यतीत हुआ। स्थानांतरण एक सतत् प्रक्रिया है उसी के अनुसार यहां के लोगों, अपने मातहतों और मीडिया के लोगों से मिली प्यार की गठरी संभाल कर जो ले जा रहा हूं, उसको मैं आजीवन सहेजकर रखूंगा। हमेशा यही कोशिश रही कि सभी को न्याय मिले। इसमें यदि कोई त्रुटि रह गई हो तो मैं दिल से जिले के लोगों से क्षमा चाहता हूं- अनुराग आर्य (आइपीएस)

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