चलता रहा झांड़-फूंक, गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में सच्चाई आई सामने
गोरखपुर। गोरखपुर के बेलघाट क्षेत्र का एक ‘भूत’ बीआरडी मेडिकल कॉलेज में काबू में आ गया। इसके कारण एक परिवार पिछले आठ महीने से परेशान था। परिवार में अजब-गजब घटनाएं हो रही थीं। रात को किचन के बर्तन टूटे मिलते। घर की खिड़कियों के शीशे टूट जाते। घर के बाहर खड़ी गाड़ियों के टायर पंक्चर हो जाते। आधी रात को छत से आवाजें आतीं। परिवार की युवती ही ये सब हरकतें कर रही थी। साल भर बाद डॉक्टर असल मर्ज का पता लगा पाए। इस दौरान युवती की तबीयत भी बिगड़ने लगी। वह अनाप-शनाप बोलने लगी। शाम होते ही उसका व्यवहार बदल जाता। परिजनों को लगा कि उस पर जिन्न का प्रकोप हो गया है। परिवार ने पहले झाड़-फूंक कराई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। करीब तीन महीने से बीआरडी मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों को अब जाकर मर्ज का पता चला है। बताया जाता है कि पीड़िता अल्पसंख्यक परिवार की है। परिवार में माता-पिता के अलावा एक भाई भी है। पीड़िता को रिश्तेदारी के एक युवक से प्रेम है। वहीं भाई को भी रिश्तेदारी के एक युवती से इश्क हो गया है। परिवार ने बेटे के रिश्ते को मंजूर कर लिया, निकाह की बात चल रही है। वहीं युवती के इश्क पर परिवार को ऐतराज है। मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आमिल हयात खान ने बताया कि परिवार के इनकार के बाद युवती को तगड़ा मानसिक आघात लगा है। वह डिसोसिएशन की शिकार हो गई है। यह एक मानसिक बीमारी है। उसके शरीर में ऐंठन होने लगती है। दिमाग में फितूर भर जाता है। ऐसी स्थिति में मरीज को अजीब तरह की हरकतें करने में मजा आता है। इलाज के साथ ही युवती की काउंसलिंग भी की जा रही है। इसका असर हो रहा है। परिजनों को भी समझाया गया है।