दरोगा ने चार्जशीट में किया ऐसा कारनामा

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देखकर जज भी रह गए हैरान; कोर्ट के आदेश से खलबली

बरेली। बरेली में एक दरोगा का अजब कारनामा सामने आया है। दुष्कर्म के मुकदमे में आरोपपत्र दाखिल करते समय दरोगा को जब गवाहों के मोबाइल नंबर नहीं पता चले तो उन्होंने 91 लिखकर उसके आगे आठ जीरो बढ़ा दिए। जज रवि कुमार दिवाकर ने आरोपपत्र देखा तो दंग रह गए। अब नौ जुलाई को अदालत ने दरोगा के साथ एफआईआर लेखक को तलब किया है। वहीं, आरोपपत्र अदालत में भेजने वाले सीओ ने भी गलती स्वीकारी है। दुष्कर्म के मुकदमे में भमोरा थाने के दरोगा सत्येंद्र ने आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र लगाया। आरोपपत्र सीओ आंवला नीलेश मिश्र ने अदालत में भेज दिया। जज रवि कुमार दिवाकर जब आरोपपत्र देख रहे थे तो उसमें गवाहों के कॉलम के आगे उनके मोबाइल नंबर की जगह 9100000000 लिखा था। मुकदमे के 11 गवाहों के नाम के आगे यही मोबाइल नंबर दर्ज था। इसके अलावा सीओ का नाम नहीं लिखा था। सीओ नीलेश मिश्रा ने बताया कि आरोपपत्र की जांच की गई। उन्होंने गलती मानते हुए आगे से इसका ध्यान रखने की बात कही। कहा कि विवेचक की भी गलती है। अब अदालत ने विवेचक के साथ ही एफआईआर लेखक को भी नौ जुलाई को अदालत में तलब किया है। इसके अलावा अन्य गवाहों को भी बुलाया है। दरोगा सत्येंद्र कुमार ने बताया कि नौ जुलाई को वह अदालत में जाकर अपना पक्ष रखेंगे। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि मोबाइल नंबर नहीं पता चल रहे थे, इसलिए जल्दबाजी में गलती कर गए।

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