आगरा। आगरा में अवैध तरीके से हिरासत में रखकर 30 हजार रुपये वसूलने के आरोप में सिकंदरा थाने में तैनात एक महिला सिपाही दोषी पाई गई है। एसीपी लोहामंडी ने विभागीय जांच में दोषी पाते हुए उसके खिलाफ रिपोर्ट डीसीपी को प्रेषित की है। घटना वर्ष 2023 में हुई थी। आवास विकास काॅलोनी सेक्टर-12 बी निवासी बनवारी ने 22 नवंबर को तत्कालीन पुलिस आयुक्त से शिकायत की थी। बताया था कि 14 अक्तूबर 2023 को देहरादून से बड़े भाई का उसके पास फोन आया। बताया कि गांव नगला मुरली, रुनकता में पिता वीरेंद्र सिंह और परिवार की महिलाओं के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की है।उस समय वह गुरुद्वारे के पास था। उसने 112 नंबर पर फोन किया। मदद नहीं मिली तो रुनकता चौकी पर गया। वहां सुनवाई नहीं होने पर वह सिकंदरा थाने आया। पुलिस ने सुनवाई की जगह उसे ही थाने में बैठा लिया। पिता और एक भाई भी साथ थे। छोड़ने के एवज में उससे 30 हजार रुपये रिश्वत मांगी गई। पिता के पास उस समय महज 10 हजार रुपये थे। उसने क्रेडिट कार्ड पर लोन लिया। ऑनलाइन रकम अपने दोस्त को ट्रांसफर की। वह अपने एटीएम से रुपये निकालकर लेकर आया। 30 हजार रुपये लेकर पुलिस ने उसे छोड़ा। रकम उसने महिला सिपाही अंजलि के हाथ में दी थी। शिकायत पर प्रारंभिक जांच में एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद ने महिला आरक्षी को दोषी पाया था। विभागीय जांच एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी को दी गई। उन्होंने भी महिला आरक्षी को रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाया।
बेकसूर से अवैध वसूली के लिए इस हद तक गिरी महिला सिपाही
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Monday, July 22, 20241 minute read
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आगरा। आगरा में अवैध तरीके से हिरासत में रखकर 30 हजार रुपये वसूलने के आरोप में सिकंदरा थाने में तैनात एक महिला सिपाही दोषी पाई गई है। एसीपी लोहामंडी ने विभागीय जांच में दोषी पाते हुए उसके खिलाफ रिपोर्ट डीसीपी को प्रेषित की है। घटना वर्ष 2023 में हुई थी। आवास विकास काॅलोनी सेक्टर-12 बी निवासी बनवारी ने 22 नवंबर को तत्कालीन पुलिस आयुक्त से शिकायत की थी। बताया था कि 14 अक्तूबर 2023 को देहरादून से बड़े भाई का उसके पास फोन आया। बताया कि गांव नगला मुरली, रुनकता में पिता वीरेंद्र सिंह और परिवार की महिलाओं के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की है।उस समय वह गुरुद्वारे के पास था। उसने 112 नंबर पर फोन किया। मदद नहीं मिली तो रुनकता चौकी पर गया। वहां सुनवाई नहीं होने पर वह सिकंदरा थाने आया। पुलिस ने सुनवाई की जगह उसे ही थाने में बैठा लिया। पिता और एक भाई भी साथ थे। छोड़ने के एवज में उससे 30 हजार रुपये रिश्वत मांगी गई। पिता के पास उस समय महज 10 हजार रुपये थे। उसने क्रेडिट कार्ड पर लोन लिया। ऑनलाइन रकम अपने दोस्त को ट्रांसफर की। वह अपने एटीएम से रुपये निकालकर लेकर आया। 30 हजार रुपये लेकर पुलिस ने उसे छोड़ा। रकम उसने महिला सिपाही अंजलि के हाथ में दी थी। शिकायत पर प्रारंभिक जांच में एसीपी ताज सुरक्षा सैयद अरीब अहमद ने महिला आरक्षी को दोषी पाया था। विभागीय जांच एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी को दी गई। उन्होंने भी महिला आरक्षी को रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाया।
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