आजमगढ़: धरने पर बैठी सर्वस्व लुटा चुकी दुष्कर्म पीड़िता

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रिपोर्ट दर्ज करने के बाद शांत बैठ गयी पुलिस

आजमगढ़। शादी के झांसे में आकर अपना सर्वस्व लुटा चुकी युवती के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के बाबत आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर बिलरियागंज पुलिस शांत बैठ गई। उधर आरोपितों की धमकी से आजिज आकर दुष्कर्म पीड़िता गुरुवार को कलेक्ट्रेट भवन के सामने स्थित पार्क में धरने पर बैठ गई। धरने पर बैठी बिलरियागंज क्षेत्र निवासी युवती का आरोप है कि शादी के लालच में किए जा रहे शारीरिक शोषण से तंग आकर उसे जब खुद के छले जाने का एहसास हुआ तो उसने अपने प्रेमी पर शादी के लिए दबाव बनाया। नतीजन बीते वर्ष 6 सितंबर को शहर से सटे भंवरनाथ मंदिर में प्रेमी को मजबूरी में शादी करनी पड़ी। इस दौरान दोनों के परिवार वाले भी उपस्थित रहे। दुल्हन का रूप धारण कर युवती पति के साथ ससुराल में रहने लगी। कुछ समय बाद ससुराल में उसके साथ प्रताड़ना का दौर शुरू हुआ लेकिन कर्मों का फल जान वह ससुराल वालों की प्रताड़ना सहन करती रही। उधर पति घर पर पत्नी के रूप में रह रही युवती को अपने गले की फांस मानकर उससे अपना पीछा छुड़ाने की जुगत में लग गया। इसके लिए उसने अपने दोस्तों की मदद ली। युवती का आरोप है कि बीते 20 जून को वह अपनी ससुराल में थी। भोर में करीब तीन बजे उसका कथित पति अपने दो साथियों के साथ घर पहुंचा। यह देख युवती ने जब विरोध किया तो कथित पति की शह पर उसके साथ आए दोस्तों ने युवती के हाथ व पैर पकड़ लिए और उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए गए। पीड़ित युवती घटना के संबंध में बिलरियागंज थाने पहुंची और पुलिस को आपबीती बताई। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने सुसंगत धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली। पीड़ित युवती का आरोप है कि रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने काफी भागदौड़ करने पर उसका मेडिकल परीक्षण एवं न्यायालय में बयान दर्ज कराया लेकिन इसके बाद भी आरोपितों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस की शिथिलता देख आरोपी पक्ष लगातार उसे धमका रहे हैं। इस संबंध में पीड़ित युवती पुलिस अधिकारियों के यहां भी न्याय की गुहार लगा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी। गुरुवार को जिला मुख्यालय पर न्याय के लिए दिए गए प्रार्थना पत्रों का जखीरा लेकर पहुंची पीड़िता कलेक्ट्रेट भवन के समक्ष स्थित डा० अंबेडकर प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गई। पीड़िता का कहना है कि इस मामले में जब तक उसे न्याय नहीं मिलता है वह आंदोलन की राह से नहीं डिगेगी। इस दौरान यदि उसके साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो उसकी जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों की होगी। अब देखना यह है कि इस मामले में पीड़िता को कब तक न्याय मिल पाता है।

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