वसूली कांड में आरोपी थानाध्यक्ष और सिपाही भेजे गए जेल

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अवैध वसूली के खेल का ऐसे हुआ था भंडाफोड़

वाराणसी। बलिया में ट्रकों से अवैध वसूली के आरोपी नरही के निलंबित थानाध्यक्ष पन्नेलाल और सिपाही विष्णु यादव को सोमवार को प्रभारी विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम प्रथम की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने दोनों आरोपियों को आठ अगस्त तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया और डीआईजी रेंज वैभव कृष्ण ने गत 24 जुलाई की रात बलिया के नरही थाना क्षेत्र के भरौली तिराहा पर छापा मार कर ट्रकों से अवैध वसूली के खेल का भंडाफोड़ किया था। इसके बाद थानाध्यक्ष पन्नेलाल नरही थाना छोड़ कर भाग गया था। रविवार को पन्नेलान ने अपने पैतृक गांव गोरखपुर के भरसी में पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था। अदालत में पेश किए जाने पर आरोपी पन्नेलाल की ओर से अधिवक्ता ने उसकी बीमारी के संबंध में अर्जी दी। आरोपी की ओर से कहा गया कि वह कुछ माह पहले दुर्घटना का शिकार हुआ था। दुर्घटना में उसके पेट में चोट लग गई थी। उसका एक्सरे हुआ था और चोट के संबंध में अभी भी दवा चल रही है। आरोपी ने कोर्ट से उचित इलाज कराने का आदेश पारित करने की गुहार लगाई। इस पर कोर्ट ने जेल अधीक्षक को जेल मैन्युअल के तहत उचित चिकित्सा उपलब्ध कराने का आदेश दिया। अभियोजन की ओर से यह भी बताया गया कि इस मामले में इससे पहले 18 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। जिला जेल की बैरक नंबर 10 में इन दिनों पांच पुलिसकर्मी हैं। जेल अधीक्षक आचार्य डॉ. उमेश सिंह ने बताया कि पिछले हफ्ते वाराणसी कमिश्नरेट का दरोगा सूर्य प्रकाश पांडेय गिरफ्तार होकर आया था। उसके बाद बलिया से दो सिपाही गिरफ्तार होकर आए। सोमवार को पन्नेलाल और एक सिपाही आया। जेल में जो भी बंदी आते हैं वह शुरुआत में नौ-दस दिन तक बैरक नंबर 10 में ही रखे जाते हैं। इसके बाद उन्हें अलग-अलग बैरकों में शिफ्ट किया जाता है।

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