आजमगढ़: मुकदमेबाजी का पेंच अटकाकर रंगदारी मांगना पड़ा महंगा

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पूरे परिवार पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
षडयंत्र के तहत मांगे थे साठ लाख रूपया

आजमगढ़। मुकदमेबाजी का पेंच अटकाकर रंगदारी मांगना एक शक्स को पूरे परिवार समेत भारी पड़ गया। मामला शहर के मध्य एक कीमती भूखण्ड से जुड़ा हुआ है। शहर के रैदोपुर स्थित गौर भवन के स्वामी चन्द्रप्रकाश गौर से पुरानी सब्जी मण्डी के रहने वाले विशाल गुप्ता और उसकी पत्नी मंजरी गुप्ता ने साजिशन एक षडय़न्त्र के तहत साठ लाख रूपयों की रंगदारी मांगना शुरू किया तो पूरा मामला तत्कालीन पुलिस कप्तान अनुराग आर्य के दरबार में पहुंच गया। पुलिस अधीक्षक ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच प्रभारी निरीक्षक कोतवाली को सौंप दिया तब कहीं जाकर पूरे मामले का भांडाफोड़ हुआ और विशाल गुप्ता, मंजरी गुप्ता, पूजा देवी, शिवानी सोनी, रविकुमार और रविशंकर के विरूद्व धारा 419, 420, 467, 468, 506 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। गौरतलब है कि विशाल ने चन्द्रप्रकाश गौर को निजामाबाद की एक प्रापर्टी के बाबत पैंतालीस लाख रूपये दिये लेकिन उस जमीन के विवाद में होने के चलते सौदा नहीं हो सका। लिहाजा चन्द्रप्रकाश गौर ने प्राप्त किये गये पैसे उन्हीं खातों से ईमानदारी पूर्वक विशाल गुप्ता उर्फ पिन्टू मोदनवाल को वापस कर दिये। बात समाप्त हो गयी लेकिन विशाल गुप्ता ने चन्द्रप्रकाश गौर को धमकी दिया कि अगर उसे साठ लाख रूपये और नहीं दिये तो रैदोपुर स्थित गौर भवन के खरीददार केडी अग्रवाल को इस शहर में बसने नहीं देगा। उसने इस बाबत एक कूटरचित नोटरी निजामाबाद से तैयार करायी और गौर परिवार के हस्ताक्षर स्कैन कर एक दावा दाखिल कर दिया। गौर परिवार ने अपनी व्यथा जब पुलिस अधीक्षक को बतायी तो उन्होने जांच शुरू करायी। जांच में पाया गया कि विशाल गुप्ता और मंजरी गुप्ता एक पेशेवर रंगदारी मागने वाला गिरोह बनकर सामने आया। पूर्व में भी शहर की किमती जमीनों पर मुकदमें का पेंच भिड़ाकर रंगदारी वसूलने का इतिहास भूगोल सामने आया। पुलिस ऐसे लोगों को भूमाफिया की श्रेणी में चिन्हित करने की संभावनायें भी रेखांकित कर रही है।

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