स्मार्ट सिटी: ...तो समा जाती स्कूल बस; पलक झपकते 18 फीट धंसी रोड

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चीखे लोग बोले-दो साल में 25वीं बार हुआ गड्ढा


आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में जलनिगम की बिछाई सीवर लाइन में घटिया पाइप लगाने से दयालबाग 100 फीट रोड फिर से धंस गई। सोमवार सुबह जिस समय सड़क का हिस्सा गड्ढे में धंसकर गिरा, उस समय स्कूल की बस बच्चों को लेने के लिए जा रही थी। लोगों ने बताया कि बस ड्राइवर ने तेजी से ब्रेक लगाए। बस गड्ढे में गिरने से महज दो फीट की दूरी से बची। इस बार बैंक ऑफ इंडिया शाखा के सामने सड़क धंसी। 22 फीट लंबा और 18 फीट गहरा गड्ढा हो गया। इसमें ट्रक भी समा जाए। दो साल में 25वीं बार यह सड़क धंसी है। इससे दयालबाग के लोगों में दहशत का माहौल है। सुबह यहां दुकानें खुलीं तो लोगों ने यहां बैरिकेडिंग कर दी। वाहनों को दूसरे रास्ते से निकालने लगे। सीवर लाइन मैनहोल से हो रहे लगातार लीकेज के कारण सुबह 10 बजे तक गड्ढा बढ़ता चला गया और डामर की सड़क का बड़ा हिस्सा इसमें समा गया। सूचना पर विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल क्षेत्रीय पार्षदों के साथ पहुंचे। उन्होंने मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी को फोन करके बताया कि अब तक का सबसे गहरा और चौड़ा गड्ढा हुआ है। उन्होंने इस सीवर लाइन को तत्काल बदलने और सड़क का निर्माण कराने के लिए कहा ताकि कोई हादसा न हो। मौके पर नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल भी पहुंचे। उन्होंने गड्ढा भरने और समस्या के निदान के लिए वीए टेक व बाग के प्रोजेक्ट मैनेजर अनुज त्रिपाठी को निर्देश दिए। उनके साथ पार्षद भरत शर्मा, अमित दिवाकर, प्रेमदास, अनिल सेंगर, अनूप जिंदल, बबीता गुप्ता, राकेश सिंह आदि मौजूद रहे। ठीक एक माह पहले 9 जुलाई को पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर एनके यादव, नगरनिगम चीफ इंजीनियर बीएल गुप्ता, जलकल महाप्रबंधक एके राजपूत, जलनिगम अधिशासी अभियंता स्वतंत्र सिंह, वीए टेक वबाग के प्रोजेक्ट मैनेजर अनुज त्रिपाठी की संयुक्त टीम ने दयालबाग रोड का निरीक्षण किया था। संयुक्त टीम ने सिफारिश की थी कि दो किमी हिस्से में नए सिरे से सीवर लाइन बिछाई जाए। पाइप के नीचे पीसीसी बेड डाला जाए और कुटाई के बाद ही सड़क का निर्माण किया जाए। पार्षद भरत शर्मा ने कहा कि एक माह बाद सोमवार को फिर से सड़क धंस गई। इस दौरान जलनिगम ने कुछ नहीं किया। ये थी टीम की रिपोर्ट: सीवर पाइप लाइन की गुणवत्ता ठीक नहीं है, सीवर लाइन के जॉइंट लीक होने से कटान, सीवर लाइन डालने के बाद मिट्टी की कुटाई नहीं, ट्रेंच में कई लेयर में मिट्टी नहीं भरी गई, लाइन लीकेज होने से बार बार मिट्टी कटने से धंसाव।

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