10.41 करोड़ के गबन में फंसीं पूर्व पालिकाध्यक्ष

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पांच ईओ समेत 16 के खिलाफ रिपोर्ट हुई दर्ज

बरेली। बरेली में अपने कार्यकाल में लखनऊ तक सुर्खियों में रहने वाली नवाबगंज नगर पालिका परिषद की पूर्व अध्यक्ष शहला ताहिर एक बार फिर चर्चा में हैं। शहला ताहिर समेत पालिका में उन दिनों तैनात रहे पांच अधिशासी अधिकारी समेत 16 कर्मियों पर 10.41 करोड़ रुपये के गबन के आरोप में लखनऊ में आपराधिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जानकारी मिलने पर पालिकाकर्मियों में खलबली मची है। वर्ष 2021 में की गई शिकायत पर प्रदेश के गृह विभाग ने इस मामले की जांच पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी थी। तीन साल तक चली जांच के बाद वर्ष 2012 से 2017 के बीच हुए 10.41 करोड़ रुपये के गबन की प्रारंभिक पुष्टि हुई। 20 मार्च को ईओडब्ल्यू लखनऊ सेक्टर में तैनात सब इंस्पेक्टर सत्यपाल गौड़ ने आईपीसी की धारा 409, 120बी, 420 के साथ ही 13(1), (d), (11) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पूर्व पालिकाध्यक्ष शहला ताहिर से इस प्रकरण में बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। इनके नाम आए सामने: दर्ज कराई गई रिपोर्ट में पूर्व पालिका अध्यक्ष शहला ताहिर, पालिका में तैनात रहे अधिशासी अधिकारी हीरालाल प्रजापति, हरिलाल राम, नरेंद्र कुमार जौहरी, राजेश कुमार सक्सेना के साथ ही रामपुर के विजय कुमार, नगर पालिका परिषद के कर्मचारी अमर सिंह, सुरेश पाल, रघुवीर सिंह, कैलाशचंद, पालिका के सेवानिवृत कर्मी रवींद्र कुमार शुक्ला, परिषद के ठेकेदार मोहम्मद अफजाल, मोहम्मद आरिफ, सलीम हैदर, वकील खां और शिव कुमार के नाम सामने आए हैं। गबन की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी नगर पालिका के कई कर्मचारी अपने पटल पर काबिज हैं। अब दबा हुआ मामला पांच महीने बाद सामने आने पर इनको कार्रवाई का डर भी सता रहा है। नगर पालिका परिषद की वर्तमान अध्यक्ष प्रेमलता राठौर ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है। मामला कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट के आदेश के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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