सीएम योगी ने खुद पहना कांटों का ताज

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अपने सिर पर ली सबसे मुश्किल जिम्मेदारी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद के साथ ही भाजपा कोर कमेटी में शामिल चार अन्य नेताओं को उपचुनाव वाली 10 विधानसभा सीटों में से दो-दो सीटें जिताने की जिम्मेदारी देकर बड़ा टास्क दिया है। सीएम ने कटेहरी और मिल्कीपुर की विषम समीकरण वाली सीटों की जिम्मेदारी खुद लेकर लीडरशिप दिखाई है। इन सीटों पर चुनाव जीतना भाजपा ही नहीं, कोर कमेटी के तीन प्रमुख नेताओं सीएम, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के लिए भी कड़ी चुनौती मानी जा रही है। बीते तीन विधानसभा चुनाव के नतीजों पर गौर करें तो इन तीनों नेताओं को जिन 6 सीटों की जिम्मेदारी दी गई है, वे समीकरण के लिहाज से भाजपा के लिए मुफीद नहीं रही हैं। सीएम योगी की जिम्मेदारी वाली मिल्कीपुर पर सिर्फ 2017 में ही पार्टी चुनाव जीती थी, 2012 व 2022 में यह सीट सपा के कब्जे में रही। इसी सीट से विधायक रहे अवधेश प्रसाद ने श्रीराम मंदिर बनने से बने माहौल के बावजूद भाजपा को हराकर सांसद चुने गए हैं। कुर्मी बहुल कटेहरी सीट पर भी लगातार सपा-बसपा का ही कब्जा रहा है। इस सीट से लालजी वर्मा कई बार विधायक चुने गए हैं। 2022 में वे सपा से चुनाव जीते थे और अब वे सपा से सांसद बन गए हैं। कटेहरी सीट से भाजपा सिर्फ 1991 में और मिल्कीपुर सीट पर 2017 में ही चुनाव जीत पाई है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने इन सीटों को जीतने का टास्क लेकर सपा के सामने कड़ी चुनौती पेश की है।

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