आजमगढ़ : प्रेमिका व पिंक बाइक बनी काली पासी गैंग के पतन की वजह

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रिपोर्ट : वेद प्रकाश सिंह 'लल्ला'

आजमगढ़। पूर्वांचल के कई जिलों में 2005 के बाद उभरे आपराधिक गिरोह की कमान संभालने वाले काली पासी का जुड़ाव गाजीपुर के माफिया मुख्तार अंसारी के साथ होने के बाद बड़ी वारदातों को अंजाम देने के लिए बड़े हथियार की जरूरत इस गिरोह के लिए पूरी होने लगी थी। इस गैंग में शामिल अनुज कन्नौजिया, राजू पासी, राज श्रीवास्तव, शेषनाथ चौहान आदि सभी बदमाश सीधे तौर पर मुख्तार अंसारी के लिए काम करने लगे थे। इस गिरोह के सदस्यों को खर्च के लिए बकायदा पगार मिलती थी जिसमें सबसे बड़ी रकम काली पासी को 45 हजार,राज श्रीवास्तव को 35 हजार तथा शेषनाथ सहित अन्य बदमाशों को 25 हजार रुपये को दिए जाते थे। गैंग लीडर काली पासी कितना दुर्दांत और शार्प माइंड था कि पुलिस ने जब उसके घर छापेमारी की तो एसओजी प्रभारी रहे विजय कुमार सिंह ने अपनी टीम के साथ काली पासी के आवास में एक कमरे से संचालित सर्विलांस सेट-अप देख सभी हैरान रहे। उस दौरान पुलिस टीम ने वहां से दर्जनों मोबाइल फोन व सिमकार्ड के साथ ही विभिन्न बोर के कारतूसों का जखीरा बरामद किया था। वहीं से पुलिस को आजमगढ़ शहर के पुरानी कोतवाली क्षेत्र में हत्या व लूट की घटना में मिले आभूषण भी मिले थे। यहीं से मिले सबूत और सर्विलांस में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों के बाद पुलिस को काली पासी की चतुराई की बात पता चली। इसी बीच एसओजी टीम को राज श्रीवास्तव के बारे में जानकारी हुई और यह भी पता चला कि वह जिले में एकमात्र पिंक कलर की करिज्मा बाइक का इस्तेमाल करता है। उसकी टोह में पुलिस लगी और पुलिस टीम राज को ढूंढ निकालने के साथ ही उसका पीछा करते हुए बिहार तक गई और वहां के मूल निवासी रहे राज श्रीवास्तव की प्रेमिका रही प्रियंका तक पहुंच गई। बस यहीं से पुलिस ने प्रेमिका के सहारे पूरे गिरोह की जानकारी जुटाने में कामयाब रही इस तरह पिंक कलर की बाइक और प्रेमिका काली पासी गैंग के सफाए का मुख्य सूत्रधार साबित हुई।

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