लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कार्यरत 24 पीपीएस अफसरों को अगले महीने आईपीएस कैडर में प्रोन्नत किया जाएगा. संघ लोक सेवा आयोग और शासन के सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी है. उत्तर प्रदेश में 7 अक्टूबर को DPC होने वाली है, इसी बैठक में इस प्रोन्नति पर मोहर लग जाएगी. आपको बता दें की 30 पीपीएस अफसरों के नाम पर डीपीसी पर मंथन होगा और उसमें से 24 रिक्त पदों पर प्रोन्नति होगी. यह डीपीसी की बैठक 1995, 1996 बैच के पीपीएस अफसरों को लेकर होगी. इस वक्त पीपीएस से आईपीएस कैडर में प्रोन्नति के 24 पद खाली हैं और इन्हीं पदों को भरने के लिए 1995 और 1996 बैच के अफसरों के नाम का प्रस्ताव पिछले दिनों संघ लोक सेवा आयोग को भेजा गया था पर कुछ समय से डीपीसी की बैठक आयोजित होने में देरी हो रही थी. अब इसको लेकर तारीख नियत हो गई है और 7 अक्टूबर को डीपीसी की बैठक होगी. इस डीपीसी की बैठक में सभी 30 नामों पर चर्चा होगी और उसमें जिन अफसरों के खिलाफ कोई जांच लंबित होगी, उनको छोड़कर 24 को आईपीएस कैडर में प्रोन्नति करने की सहमति दी जाएगी. इस प्रक्रिया में करीब एक महीने का समय लग सकता है. सूत्रों की मानें तो एक पीपीएस अफसर के खिलाफ जांच लंबित होने के कारण उनका लिफाफा बंद रखने का भी निर्णय लिया जा सकता है. आपको बता दें कि पीपीएस कैडर की प्रोन्नति में लेटलतीफी के कारण हर साल कई पीपीएस ऑफिसर आईपीएस बनने की समय सीमा की बाध्यता का शिकार बन रहे हैं.
यूपी के 24 पीपीएस अफसरों को योगी सरकार का तोहफा
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Saturday, September 28, 2024
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कार्यरत 24 पीपीएस अफसरों को अगले महीने आईपीएस कैडर में प्रोन्नत किया जाएगा. संघ लोक सेवा आयोग और शासन के सीनियर अधिकारियों की मौजूदगी है. उत्तर प्रदेश में 7 अक्टूबर को DPC होने वाली है, इसी बैठक में इस प्रोन्नति पर मोहर लग जाएगी. आपको बता दें की 30 पीपीएस अफसरों के नाम पर डीपीसी पर मंथन होगा और उसमें से 24 रिक्त पदों पर प्रोन्नति होगी. यह डीपीसी की बैठक 1995, 1996 बैच के पीपीएस अफसरों को लेकर होगी. इस वक्त पीपीएस से आईपीएस कैडर में प्रोन्नति के 24 पद खाली हैं और इन्हीं पदों को भरने के लिए 1995 और 1996 बैच के अफसरों के नाम का प्रस्ताव पिछले दिनों संघ लोक सेवा आयोग को भेजा गया था पर कुछ समय से डीपीसी की बैठक आयोजित होने में देरी हो रही थी. अब इसको लेकर तारीख नियत हो गई है और 7 अक्टूबर को डीपीसी की बैठक होगी. इस डीपीसी की बैठक में सभी 30 नामों पर चर्चा होगी और उसमें जिन अफसरों के खिलाफ कोई जांच लंबित होगी, उनको छोड़कर 24 को आईपीएस कैडर में प्रोन्नति करने की सहमति दी जाएगी. इस प्रक्रिया में करीब एक महीने का समय लग सकता है. सूत्रों की मानें तो एक पीपीएस अफसर के खिलाफ जांच लंबित होने के कारण उनका लिफाफा बंद रखने का भी निर्णय लिया जा सकता है. आपको बता दें कि पीपीएस कैडर की प्रोन्नति में लेटलतीफी के कारण हर साल कई पीपीएस ऑफिसर आईपीएस बनने की समय सीमा की बाध्यता का शिकार बन रहे हैं.
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