आजमगढ़। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, लेदौरा, आजमगढ़ पर अनुसूचित जाति उप योजनान्तर्गत दिनांक 1 से 5 सितंबर तक 5 दिवसीय रोजगार परक प्रशिक्षण विषयक मशरूम उत्पादन एक लाभकारी व्यवसाय संपन्न हुआ। जिसमें 20 प्रगतिशील किसानों ने प्रतिभाग किया। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. एल. सी. वर्मा ने बताया कि मशरूम उत्पादन का यह अनुकूल मौसम चल रहा है। मशरुम उत्पादन कर किसान अपनी आमदनी दोगुनी कर सकते हैं। मशरूम प्रोटीन का एक उत्तम स्रोत है। केंद्र के पौध सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ महेंद्र प्रताप गौतम ने बताया कि बटन मशरूम उत्पादन के लिए सर्वप्रथम मशरूम कंपोस्ट तैयार करते हैं जिसके लिए भूसा, चोकर, जिप्सम, यूरिया तथा पोटाश की आवश्यकता पड़ती है। यह कंपोस्ट 28 दिनों में बनकर तैयार हो जाती है। कंपोस्ट तैयार होने के बाद इसमें मशरूम स्पान (बीज) की बिजाई करते हैं। एक कुंतल कंपोस्ट से लगभग 25 किलोग्राम तक बटन मशरूम तैयार हो सकता है उन्होंन अच्छी क्वालिटी के केसिंग मृदा तैयार करने की विधि बताया तथा अच्छी गुणवत्ता का स्पान किन किन संस्थाओं से खरीदे तथा अच्छे स्पान की पहचान कैसे करें , केंद्र के कार्यालय अधीक्षक वेद प्रकाश सिंह ने मशरूम के इकाई का लेखा जोखा रखने के लिए रजिस्टर तैयार करने के बारे में विस्तार से बताया तथा मशरूम इकाई की स्थापना के समय उसकी संरचना तैयार करने के लिए तथा बांस की झोपड़ी तैयार करने के लिए आसान विधाओं के बारे में चर्चा किया, साथ ही संबंधित वीडियो भी प्रदर्शित किया गया। सस्य वैज्ञानिक डा शेर सिंह ने बताया कि मशरूम उत्पादन कक्ष में साफ-सफाई तथा उसमें इंफेक्शन रोकने की विधियों पर चर्चा की। उन्होंन ने मशरूम से बने उत्पाद एवम उत्पाद बिक्री की संभावनाओं पर चर्चा किया तथा मशरूम में पाए जाने वाले पोषक तत्व तथा विटामिन आदि के बारे में विस्तार से बताया। लाभान्वित होने वाले किसानों में कंचन, गंगा, रिंका, अकांक्षा, लक्ष्मीना, लीलावती, रीमा, प्रेमशीला सहित कुल 20 कृषकों ने प्रतिभाग किया।
आजमगढ़ : मशरूम पर 5 दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण संपन्न
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Wednesday, September 11, 2024
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