संयुक्त शिक्षा निदेशक की जांच में हुआ खुलासा
आजमगढ़। श्री वैष्णव हरिहर दास संस्कृत उमावि शेरपुर कुटी में चार सहायक अध्यापकों रामप्रसाद दुबे, कृष्णा यादव, सुरेखा यादव और बबिता निषाद की नियुक्ति गलत तरीके से की गई थी। संयुक्त शिक्षा निदेशक की जांच में इसका खुलासा हुआ है। उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट शिक्षा निदेशक माध्यमिक को भेज दी है। इससे चारों शिक्षकों पर जल्द कार्रवाई हो सकती है। श्री वैष्णव हरिहरदास संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वर्ष 2023-24 में तत्कालीन डीआईओएस मनोज कुमार मिश्र के कार्यकाल में हुई चार शिक्षकों की नियुक्तियों पर शुरू से ही सवाल उठने लगे थे। नव जागृति सेवा संस्थान ने मामले की शिकायत की तो शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने जांच का निर्देश जारी किया। संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह ने इसकी जांच शुरू की। मंडलीय समिति ने 29 जुलाई को डीआईओएस को अभिलेखों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया था। डीआईओएस उपस्थित हुए और आख्या उपलब्ध कराने के लिए समय मांगा। इसके बाद उन्होंने अपनी आख्या सौंपी, जिसमें कहा कि श्री वैष्णव हरिहर दास संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शेरपुर कुटी सहायता प्राप्त अनुदानित संस्कृत विद्यालय है। विद्यालय में प्रबंधक द्वारा सहायक अध्यापकों के पद पर अनियमित नियुक्ति करने के विरुद्ध वेतन प्राप्त करने के लिए चार शिक्षकों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट ने इन अध्यापकों को अनुमोदित मानते हुए अनुमन्यता आदेश निर्गत किया।
डीआईओएस ने छह अगस्त को उपलब्ध कराई गई अपनी आख्या में बताया कि जून 2024 से इन शिक्षकों का वेतन भुगतान का आदेश पारित नहीं किया गया है। नियुक्ति संबंधी अभिलेखों के उपलब्ध न होने के कारण आख्या के साथ अपनी स्पष्ट संस्तुति या असंस्तुति व्यक्त किया जाना संभव नहीं है। इस पर वर्तमान में न्यायालय ने 22 जुलाई के आदेश में पूर्व के आदेश को खारिज कर दिया, क्योंकि जिला विद्यालय निरीक्षक को संस्कृत शिक्षा परिषद की नियमावली के तहत नियुक्ति का अधिकार ही नहीं है। यह अधिकार उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को दिया गया है। इससे स्पष्ट है कि संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति के अनुमोदन का अधिकार जिला विद्यालय निरीक्षक को कभी नहीं रहा है। इससे स्पष्ट है कि न्यायालय का कोई बाध्यकारी आदेश न होने हुए भी तत्कालीन डीआईओएस मनोज कुमार मिश्र ने अधिकार न रहते हुए भी बिना मूल अभिलेखों के चारों शिक्षकों की नियुक्ति को अनुमोदित किया है। संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ मंडल दिनेश सिंह ने अपनी रिपोर्ट शिक्षा निदेशक माध्यमिक को भेज दी है। ऐसे में जल्द ही इन शिक्षकों पर कार्रवाई हो सकती है।