यूपी में 23 हजार कारोबारियों के खाते होंगे सीज, 300 करोड़ वसूलने की तैयारी

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पांच जिलों के डिप्टी, एसी व सीटीओ को प्रभारी एडिशनल कमिश्रर ग्रेड एक ने दिए आदेश


लखनऊ। वैट व जीएसटी की राजस्व वसूली को लेकर राज्यकर विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। अलीगढ़ मंडल में 23 हजार ऐसे कारोबारी चिन्हित किए गए हैं, जिनका वैट व जीएसटी का बकाया चल रहा है। ऐसे कारोबारियों के बैंक खाते सीज करने की कार्रवाई राज्यकर विभाग के अफसरों की ओर से की जा रही है। अलीगढ़, हाथरस, एटा, कासगंज, मथुरा व एटा के डिप्टी, एसी व सीटीओ को प्रभारी एडिशनल कमिश्रर ग्रेड एक ने आदेश जारी किया है। राज्यकर विभाग में शासन ने नए प्रमुख सचिव (एसीएस) की तैनाती की है। नए एसीएस के आने के बाद से राज्यकर विभाग में उथल पुथल मची हुई है। राज्यकर के उच्चाधिकारी अब रविवार को भी काम कर रहे हैं। ऐसे में एसीएस की ओर से आदेश जारी किया गया है कि जब से विभाग शुरू हुआ है उस समय से और अब तक किसी भी कारोबारी का टैक्स बकाया है तो उसकी वसूली की जाएगी। इसको लेकर आनन फानन में अलीगढ़ जोन के अफसरों ने बकाएदारों की सूची तैयार कराई। 40 से 50 साल के पुराने बकाएदार भी हैं। पांचों जिलों में कुल बकाए की राशि 300 करोड़ रुपये के आसपास है। बैंक खाते अटैच करने व वसूली को लेकर व्यापारियों को नोटिस जारी किया है। अलीगढ़ जोन के पांचों जिलों में 23 हजार से अधिक बकाएदार हैं। इसमें अधिकांश बकाएदार वैट के कार्यकाल के शामिल हैं। इसमें बैंक खाते रोजाना सीज कर उसकी रिपोर्ट शासन को भेजनी है। अलीगढ़ जोन में व्यापारियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई को राज्यकर विभाग अभी तक गोपनीय रखे हुए था। लेकिन बकाएदारों की सूची अलीगढ़ के कुछ उद्यमी व व्यापारियों के वाट्सएप ग्रुपों में वायरल हो गई। इसको लेकर व्यापारियों ने राज्यकर विभाग को लेकर तरह तरह की टिप्पणी भी की। राज्यकर विभाग की ओर से लगातार की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई को लेकर भीतरखाने व्यापारियों में नाराजगी देखने को को मिल रही है।

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