आजमगढ़ : हर्षित चौबे की मौत मामले में आया नया मोड़

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परिजनों के आरोप ने पुलिसिया कारवाई पर दागे कई सवाल
25 साल से विद्युत तार में नहीं हुई विद्युत सप्लाई तो कैसे हुई करेन्ट से मौत


आजमगढ़। हर्षित चौबे मौत मामले में परिजनों द्वारा लगाया गया आरोप ने पुलिसिया कार्रवाई पर कई सवाल दाग दिए। एसपी ग्रामीण के बयान से मृतक हर्षित चौबे के परिवार के लोग काफी आहत हैं। परिवार के लोगों ने पुलिस की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया। फूलपुर कोतवाली के अंबारी पाण्डेय के पूरा में बाजरे के खेत में मिले किशोर के शव मामले में परिजनों द्वारा गांव के ही उसके दो दोस्तों पर हत्या का आरोप लगाया गया है। इस बीच पोस्टमार्टम रिपोर्ट में करेंट से मौत की पुष्टि एसपी ग्रामीण चिराग जैन द्वारा कर दिया गया। परिजनों और विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिस विद्युत तार में 25 साल पहले ही करेंट प्रवाहित होना बंद हो गया, उससे अचानक कहा से करेंट आ गया और हर्षित की मौत हो गयी। परिजनों ने पुलिस की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी होने से हत्या का आरोप लगा रहे हर्षित के दादा त्रिलोकी नाथ चौबे, पिता मुकेश चौबे, माता प्रेमशीला ,चाचा अमित चौबे आश्चर्य चकित हैं कि हत्या को अब करेन्ट से मौत में बदलने की साजिश की जा रही है, जबकि उस विद्यत पोल और तार में लगभग 25 साल से करेन्ट ही नहीं आता है। पुलिस द्वारा गांव के जगदीश यादव और नकुल राजभर को पकड़कर 5 दिन से पूछ ताछ की जा रही है। परिजनों सहित ग्रामीणों का कहना है कि जिस बिजली के तार में 25 साल से करेंट नहीं आ रहा है उससे कैसे हर्षित की मौत हो गयी। इस तार द्वारा जब शाहगंज जौनपुर से फूलपुर को बिजली मिलती थी तब करेंट आती थी। पूरे गांव में पोस्टमार्टम रिपोर्ट चर्चा का विषय बनी हुई है। जिस घटना को परिजन हत्या बता रहे हैं उसे पोस्टमार्टम में करेंट से मौत दिखाने से नाराज हैं।इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन का कहना है कि हमने पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का हवाला दिया है कि करेंट से मौत हुई है। हर्षित के मौत के अन्य पहलुओं पर भी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही खुलासा किया जाएगा।
विद्युत पावर स्टेशन फूलपुर के अवर अभियंता मनीष कुमार ने बताया कि जब शाहगंज से विद्युत आपूर्ति फूलपुर के लिए होती थी तब इस विद्युत लाइन में आपूर्ति की जाती थी। फूलपुर में 132 पावर विद्युत स्टेशन का निर्माण हो जाने के बाद यहाँ की सप्लाई के लिए अलग लाइन बना दी गयी है। इस विद्युत तार में लगभग 25 साल से आपूर्ति बन्द कर दी गयी है ।

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