नवोदय की छात्रा ने सीढ़ियों की रेलिंग पर फंदे से लटककर दी जान

Youth India Times
By -
0
शुक्रवार को मां से फोन पर बात कर समस्या से कराया था अवगत

झांसी। झांसी के बरुआसागर स्थित नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाली कक्षा 9 की छात्रा ने हॉस्टल की सीढ़ियों की रेलिंग पर फंदे से लटककर जान दे दी। परिजन ने पुलिस को बताया कि विद्यालय की कुछ सीनियर छात्राएं उसे परेशान करती थीं। इससे वह तनाव में थी। गुरसराय के भदरवारा गांव निवासी जयहिंद पटेल की छोटी पुत्री अनुष्का (13) नवोदय विद्यालय में कक्षा 9 की छात्रा थी। विद्यालय के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थी। जयहिंद ने बताया कि शुक्रवार को अनुष्का ने घर में फोन करके बताया कि सीनियर छात्राएं उससे कमरे में खाना मंगवाती हैं।
उसे परेशान करती हैं। उसका विवाद हो गया है। वह घर आना चाहती है। शनिवार सुबह भी उसने मां से फोन पर बात कर घर आने की बात कही। परिजन ने समझाया और सबके साथ रहने की नसीहत दी। दोपहर में सीनियर छात्राओं ने उसके साथ बदसलूकी की। अनुष्का ने पिता को फोन करके हॉस्टल बुलाया, लेकिन वह लोग नहीं आए। रात करीब आठ बजे सभी छात्राएं खाना खाने के लिए मैस गईं थीं। अनुष्का नहीं पहुंची। खाने के बाद छात्राएं अपने कमरों में लौट रहीं थीं तब ऊपरी मंजिल की सीढ़ी पर मोबाइल की टॉर्च जलता दिखी। छात्राओं ने प्रधानाचार्य रामप्रसाद तिवारी को बताया। वह वहां पहुंचे तो अनुष्का सीढ़ी की रेलिंग पर दुपट्टे से लटकी हुई थी। पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस फंदे से उतारकर उसे मेडिकल कॉलेज लेकर आई।
यहां अनुष्का को मृत घोषित कर दिया। देर रात परिजन अस्पताल पहुंचे। एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह के मुताबिक, अनुष्का ने परिजन को परेशान करने वाली दो छात्राएं के नाम भी बताए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। शनिवार रात करीब 9:30 बजे अनुष्का के पिता जयहिंद को बेटी की आत्महत्या की जानकारी मिली। खबर मिलते ही उनके पांव तले जमीन खिसक गई। किसी तरह खुद को संभालते हुए पत्नी को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। मेडिकल कॉलेज में बेटी को सफेद चादर में लिपटा देख मां बिलख पड़ी। वह उस समय को कोसने लगी। रोते हुए मां बार-बार यह कह रही थी, अगर बिटिया की बात मानकर वह उसे दोपहर को हॉस्टल से ले आते तो उसकी जान बच जाती। परिजन किसी तरह उसकी मां को संभालती रहे। अनुष्का ने शनिवार दोपहर को अपनी मां को फोन किया था। रोते हुए अनुष्का ने खुद को हॉस्टल से ले जाने को कहा लेकिन परिजन ने इसे छोटा-छोटा विवाद समझकर अनुष्का को समझाया। सबके साथ मिलकर रहने की हिदायत दी। उसने शनिवार सुबह मां को फोन कर बुलाया। दोपहर में फिर विवाद के बाद पिता को बुलाया लेकिन परिजन ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। उन्हें लगा कि बच्चों का विवाद है, बात संभल जाएगी, इस वजह से कोई भी अनुष्का को लेने नहीं पहुंचा। अब इसी बात का मलाल परिजन को सता रहा है।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)