पीएचडी की छात्रा ने हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाया

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कारण के साथ सुसाइड नोट में एक लड़के का नाम और नंबर भी लिखा
कानपुर। आईआईटी के हाॅस्टल में पीएचडी (भू-गर्भ विज्ञान) अंतिम वर्ष की छात्रा ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। गुरुवार सुबह जब काफी देर तक छात्रा ने साथियों का फोन नहीं उठाया तो अनहोनी का शक हुआ। प्रबंधन की सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब छात्रा के कमरे का दरवाजा तोड़ा तो सामने पंखे से रस्सी के सहारे छात्रा का शव फंदे से लटक रहा था। पुलिस व फोरेंसिक ने पूरे कमरे की जांच की। इस दौरान पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। जिसे उसने अपनी मौत के लिए खुद को जिम्मेदार बताया है, सुसाइड नोट में एक लड़के का नाम और नंबर भी लिखा है। एसीपी अभिषेक पांडे ने बताया कि सुसाइड नोट में छात्रा ने खुद को ही अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है।
चकेरी के सजारी सनिगवां निवासी गोविंद खरया की बेटी प्रगति (27) आईआईटी के हॉस्टल परिसर में चौथी मंजिल के कमरा संख्या डी-116 में रहकर पीएचडी की तैयारी कर रही थी। पुलिस के मुताबिक गुरुवार सुबह प्रगति अपनी क्लास में नहीं पहुंची तो उसके साथियों ने उसे फोन किया। काफी देर तक जब फोन रिसीव नहीं हुए और न ही प्रगति के कमरे का दरवाजा खुला तो साथियों ने आईआईटी प्रबंधन को इसकी सूचना दी। इसके बाद कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंची और प्रगति के कमरे का दरवाजा तोड़कर शव को कब्जे में लिया।
प्रगति के पिता गोविंद शहर की एक प्रतिष्ठित सराफ की फर्म में स्टाक मैनेजर की नौकरी करते हैं। प्रगति के परिवार में मां संगीता, तीन भाई सत्यम, शिवम और सुंदरम हैं। प्रगति परिवार की एकलौती थी। बड़े भाई सत्यम घर से ही स्टेशनरी का काम करते हैं। शिवम राउरकेला स्थित एनटीपीसी में कार्यरत हैं और सुंदरम इनफोसिस में नौकरी करते हैं। परिजनों ने बताया कि प्रगति हाईस्कूल से स्नातक तक टॉपर रही है। उसने बीएससी हंसराज कॉलेज दिल्ली और एमएससी बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से किया था। वह बीते ढाई साल से आईआईटी से भू-गर्भ विज्ञान (जियोलॉजिकल साइंस) से पीएचडी कर रही थी। एसीपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला सुसाइड का लग रहा है। परिजनों की तहरीर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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