खाकी के दागदार: थानेदार समेत सात पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज

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चोरी का माल बेचने से लेकर छेड़खानी जैसे गंभीर आरोप
कानपुर। कानपुर में चोरी के बरामद जेवरात को बेचने, व्यापारी से वसूली और महिला से छेड़खानी के मामले में फंसे एक एसओ समेत सात पुलिस कर्मियों को पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने सोमवार को निलंबित कर दिया। निलंबित होने वालों में एसओ रेलबाजार के अलावा एक प्रशिक्षु दरोगा और दो हेड कांस्टेबल शामिल हैं। इन सभी ने चोरी का सामान बरामद कर बेचने में एसओ की मदद की। वहीं, घाटमपुर में कस्बा चौकी इंचार्ज पर एक मोमबत्ती व्यापारी और उसके बेटे को चौकी में बैठाकर वसूली करने का आरोप लगा। उधर, कानपुर से भागकर मुंबई गई महिला को वापस लाने गए दरोगा पर लौटते समय छेड़छाड़ व अभद्र आचरण करने का आरोप लगा था। साथ ही चोरी का माल बेचने व छेड़छाड़ के आरोपियों के खिलाफ विभागीय जांच जबकि व्यापारी से वसूली के आरोपी दरोगा पर एफआईआर दर्ज कर विभागीय जांच बैठाई गई है। सीपी का कहना है कि जांच में दोष सिद्ध होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मामला नंबर एक : 
बर्रा-छह निवासी शिक्षिका शालिनी दुबे के घर पर 30 सितंबर को हुई करीब 25 लाख की चोरी की जांच में जुटी बर्रा पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से एक चोर को धर दबोचा। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि चोरी का काफी माल बेचने वह रेलबाजार निवासी एक सराफा कारोबारी के पास गया था। वहां पर रेलबाजार थानाध्यक्ष विजय दर्शन शर्मा की टीम ने उसे दबोच लिया।
लेकिन कार्रवाई के बजाए बरामद लाखों के जेवर व एक लाख रुपये लेकर छोड़ दिया। एसओ बर्रा की सूचना पर एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने एसीपी कैंट से जांच कराई तो एसओ रेलबाजार विजय दर्शन शर्मा, प्रशिक्षु दरोगा नवीन श्रीवास्तव, हेड कांस्टेबल सुभाष तिवारी व हेड कांस्टेबल हामिल हफीज पर लगे आरोप सही मिले। इसपर सीपी ने चारों को निलंबित कर एडीसीपी पूर्वी को विभागीय जांच सौंप दी।
मामला नंबर दो
घाटमपुर में कस्बा चौकी इंचार्ज आशीष चौधरी व प्रशिक्षु दरोगा अनुज नागर रविवार को मोमबत्ती व्यापारी उदय प्रकाश व उनके बेटे का चौकी ले गए थे। मकान सीज करने की धमकी देकर उनसे साठ हजार रुपये की मांग की। 30 हजार नकद लिए जबकि 20 हजार रुपये सभासद पति राजपूत साहू के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करवाकर छोड़ दिया।
व्यापारी ने आदर्श व्यापार मंडल जिला अध्यक्ष महेश वर्मा को पत्र लिखकर जानकारी दी। रविवार देर शाम सोशल मीडिया पर वायरल पत्र का संज्ञान लेकर एडिशनल सीपी ने एसीपी घाटमपुर रंजीत सिंह से जांच कराई। एसीपी की प्रारंभिक जांच में दोनों दरोगाओं पर लगे आरोप सही मिलने पर दोनों को निलंबित करने के साथ ही एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया।
मामला नंबर तीन
रेलबाजार निवासी एक युवती एक युवक के साथ घर छोड़कर भाग निकली। परिजनों के गुमशुदगी का केस दर्ज कराने पर पुलिस ने जांच शुरू की तो उसकी लोकेशन मुंबई में मिली। इसपर फेथफुलगंज चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह को एक टीम के साथ महिला को ढूंढकर लाने के लिए भेजा गया। आरोप है कि उसे साथ लेकर लौटते समय दरोगा ने युवती के साथ छेड़खानी व अश्लीलता की। युवती ने साथ आ रही महिला सिपाहियों व अपने परिजनों से तो शिकायत की, लेकिन लिखित शिकायत नहीं की। इसपर डीसीपी पूर्वी ने पहले दरोगा गजेंद्र सिंह को काम में लापरवाही बरतने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया। हालांकि जब मामला सीपी के संज्ञान में आया तो दरोगा को निलंबित कर दिया गया। साथ ही उसके खिलाफ एडीसीपी स्तर के अधिकारी को विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए।
मामला नंबर चार
चकेरी थाने की लालबंगला चौकी क्षेत्र में गांजा तस्करों और अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप में चौकी प्रभारी आदर्श कुमार को निलंबित कर दिया।आरोपी चौकी इंचार्ज किन वजहों से गांजा तस्करों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे, अब इसकी जांच अलग से की जा रही है। हालांकि चौकी इंचार्ज क्षेत्र में अपराध पर लगाम कसने में नाकाम रहे, तो थाना प्रभारी ने भी कोई कार्रवाई नहीं की। मीडिया और सोशल मीडिया में लगातार क्षेत्र में हो रही आपराधिक घटनाओं के सामने आने पर आला अधिकारियों ने जांच कर कार्रवाई की। जाहिर है कि महकमे के सभी जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से नहीं निभा रहे।
विभिन्न आरोपों में दोषी पाए गए पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है। गंभीर आरोप में घिरे पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी के भी आदेश दिए गए है। -अखिल कुमार, पुलिस कमिश्नर

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