आजमगढ़। प्रसिद्ध साहित्यकार श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल "कुंद" जी को उनके विशेष साहित्यिक योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी साहित्य सम्मान-2024 से अलंकृत किया गया।
भारतीय लोक संस्कृति एवं भोजपुरी भाषा, साहित्य, कला संस्कृति के सर्वांगीण विकास हेतु- राष्ट्रीय कला सेवा संस्थान आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) भारत द्वारा आजमगढ़ हरिऔध कला केंद्र (25 से 27 दिसंबर-2024) में हुए- अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत-2024 के अंतरराष्ट्रीय साहित्य और लोक कला महासंगम में अस्वस्थ होने के कारण नहीं आ पाए। जनपद के जाने-माने प्रसिद्ध साहित्यकार श्री जगदीश प्रसाद बरनवाल "कुंद" जी को उनके विशेष साहित्यिक योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी साहित्य सम्मान 2024 से अलंकृत किया गया। यह सम्मान आयोजन समिति के साहित्यकार/गीतकार डॉ० ईश्वर चंद्र त्रिपाठी और अंतरराष्ट्रीय संयोजक अरविंद चित्रांश मैं उनके घर पर जाकर दिया।
जगदीश प्रसाद बरनवाल 'कुन्द' जी का साहित्य के प्रति बचपन से अभिरुचि रहीं। वर्ष 1963 में 'आज' में पहली कविता प्रकाशित हुई। तब से ‘दैनिक जागरण’, ‘हिन्दुस्तान’, ‘आजकल’, ‘नया ज्ञानोदय’, ‘पुनर्नवा’ आदि पत्र-पत्रिकाओं तथा कई संग्रहों में कविता, कहानी, लेख, नाटक, समीक्षा आदि का प्रकाशन हुआ।उन्हें वर्ष 1966 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 'धरती की लाल' लघु नाटक पर प्रथम पुरस्कार मिला।
उनकी प्रकाशित कृतियाँ : ‘विदेशी विद्वानों का हिन्दी प्रेम’, ‘विदेशी विद्वानों की दृष्टि में हिन्दी रचनाकर’, ‘विदेशी विद्वानों का संस्कृत प्रेम’, ‘अनुरंजिता’, ‘सच के क़रीब’, ‘सूरज का रूप’, ‘जीवन-लय’, ‘बिरही बिसराम’ आदि है।