आजमगढ़ : एसकेडी में दीपपर्व पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में झलकी विविधता

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हिन्दू धर्म में प्रत्येक त्योहारों को मनाने के पीछे एक निश्चित उद्देश्य छिपा रहता है-विजय बहादुर सिंह, संस्थापक

आजमगढ़। जहानागंज क्षेत्र के एस.के.डी इण्टर कालेज धनहुंआ के प्रागंण में प्रकाश पर्व दीपावली पर भक्ति के रस में सराबोर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ साथ दीया मेकिंग, रंगोली पेंटिंग, दीया डेकोरेशन आदि विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिसमें बढ़ चढ़कर भाग लेते हुए विद्यालय के छात्र/छात्राओं ने अपनी प्रतिभा को दशार्या। कार्यक्रम की शुरूआत वाग्देवी मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इसके पश्चात मां लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश, मयार्दा पुरूषोत्तम प्रभु राम के साथ लक्ष्मण और हनुमान के प्रतिमूर्ति बने बच्चों का विद्यलाय के व्यवस्थापक श्रीकान्त सिंह एवं प्रधानाचार्य केके सरन द्वारा पूजन अर्चन और माल्यार्पण किया गया। विभिन्न भक्तिमय संगीत पर बच्चों द्वारा काफी मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया गया। जिसे उपस्थित लोगों ने काफी सराहा। मयार्दा पुरूषोत्तम राम, जगत जननी मां सीता, कर्तव्यनिष्ठ लक्ष्मण और वीर हनुमान के साथ साथ रामायण के विभिन्न पात्रों के मंचन में विद्यार्थियों ने जो सजीवता दिखायी वह काफी प्रसंशनीय रहा। सार्थक, जयवीर, आदित्य, समरदेव, साक्षी, नन्दनी, अंशिका, आयुषी, आकांक्षा आदि रंगोली प्रतियोगिता में बच्चो ने विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक चीजों एवं रंगों के साथ आकर्षक रंगोलियां बनायी। एक ओर जहां ये रंगोलियां आकर्षक डिजाइन के साथ मन को मोहित कर रही थी। लक्ष्मी गणेश, मोहक र्प्रकृतिक दृश्य, भगवान राम और सीता के आकर्षक चित्र से सुसज्जित रंगोलियां लोगों को काफी भा रही थी। इस अवसर पर दीपक बनाने व उसे सजाने का भी हुनर बच्चों ने दिखाया। प्रतियोगिताओं में विशेषता, अंशिका, दीघार्यु, श्रेयष, वन्दनी, अनुश्का, नीलू, अंजली, महक आदि का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा।
अपने उद्बोधन में दीपावली त्योहार पर चर्चा करते हुए विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि हिन्दू धर्म में प्रत्येक त्योहारों को मनाने के पीछे एक निश्चित उद्देश्य छिपा रहता है। दीपावली एक ओर जहां साफ सफाई का सन्देश देती हैं वहीं इस महानिशा पर जलाये जाने वाले दीपक यह दशार्ते हैं कि जब चारो ओर घोर अन्धेरा हो एक छोटा सा दीया ही कितना प्रकाशमान होता है। ठीक उसी तरह जैसे जब आदमी अज्ञानता के घोर अन्धकार में डूबा हो और ज्ञान रूपी एक ही ज्योति उसे महान बना सकती है। विद्यालय के प्रधानाचार्या केके सरन ने भी दीपावली के त्योहार पर विधिवत प्रकाश डाला। कार्यक्रम को सफल बनाने में संतोष, संजय, प्रमोद, विपिन, शशिकांत, अनीता, संगीता, प्रियंका, नेहा, आदि का योगदान सराहनीय रहा।

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