प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मांगी गई जानकारी नहीं देने पर एटा के जिलाधिकारी एवं एसडीएम पर जुर्माना किया है। दोनों अधिकारियों को अपने वेतन से एक ₹1000 का हर्जाना अब विधिक सेवा प्राधिकरण के पास दो हफ्ते के भीतर जमा करना होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी ने मनोज कुमार की ओर से दाखिल की गई जनहित याचिका का निस्तारण करते हुए एटा के जिलाधिकारी एवं एसडीएम को अपने वेतन से एक ₹1000 का हर्जाना विधि सेवा प्राधिकरण के पास दो हफ्ते के भीतर जमा करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि राजस्व संहिता की धारा 59 (4) के तहत ग्राम सभा की जमीन की नवैयत बदलने की कानूनी कार्यवाही की जाए। याचिका दाखिल करने वाले मनोज कुमार ने कहा था कि गांव सभा को सरकार द्वारा दी गई जमीन की नवैयत को संशोधित करने पर कोई विधिक रोक नहीं है और सरकार धारा 59 (4) के अंतर्गत इस बाबत आदेश दे सकती है। गांव सभा के वकील का कहना है कि गांव सभा ने प्रस्ताव भेजा है किंतु अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि राजस्व अभिलेखों में परिवर्तन किया गया है अथवा नहीं? जबकि जिलाधिकारी को आदेश की जानकारी दे दी गई थी। इस पर अदालत ने कहा है कि इस मामले को लेकर कोई विधिक अड़चन नहीं है तो कार्यवाही को पूरा किया जाए। जिलाधिकारी व एसडीएम ने जानकारी नहीं दी इसलिए उनके खिलाफ हर्जाने की यह कार्यवाही की गई है।
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